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Nagpur News: महाराष्ट्र में 37 एकलव्य मॉडल स्कूलों में होगी नियुक्ति , आदिवासी विद्यार्थियों का विकास करेंगे काउंसलर

- आदिवासी समुदाय के छात्रों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाने के प्रयास
- पढ़ाई और करियर बेहतर बनाने करेंगे मार्गदर्शन
Nagpur News आदिवासी समुदाय के छात्रों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाने और उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने देश में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय शुरू किया है। यहां छात्रों को सीबीएसई से 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है, लेकिन यहां दूरदराज से पढ़ने वाले आने वाले छात्र सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक चुनौतियों का सामना करते हैं। इन समस्यों पर समाधान खोजते हुए राज्य में एकलव्य मॉडल स्कूलों में काउंसलर नियुक्त करने का फैसला लिया गया है। काउंसलर नियुक्ति का यह अभिनव फैसला आदिवासी छात्रों के मानसिक, भावनात्मक, शैक्षणिक व सर्वांगीण विकास के लिए निश्चित ही सहायक बनेगा।
मानसिक और भावनात्मक रूप से होंगे मजबूत : महाराष्ट्र ट्रायलब पब्लिक स्कूल सोसाइटी ने राज्य में 37 एकलव्य मॉडल स्कूलों में काउंसलर नियुक्ति करने का फैसला लिया है। इसके लिए सोसाइटी ने विज्ञापन भी दिया है। माना जा रहा है कि एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों में ही नहीं, बल्कि प्रत्येक सरकारी स्कूलों में काउंसलर की नियुक्ति जरूरी है। इससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा। उनकीपढ़ाई और करियर बेहतर बनेगा। इससे उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी मजबूती मिलेगी। इससे आदिवासी छात्र आत्मनिर्भर बनते हैं। सीबीएसई स्कूलों में काउंसलर नियुक्त करना अनिवार्य है, ऐसे ही राज्य के सरकारी स्कूलों में भी काउंसलर अनिवार्य माना जा रहा है।
काउंसलर की नियुक्ति जरूरी क्यों : कई छात्र पहली बार अपने परिवार और गांव से दूर रहते हैं। इससे उन्हें अकेलापन, तनाव या घर की याद सता सकती है। ऐसे में काउंसलर उनकी भावनाओं को समझकर उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करेंगे।
काउंसलर की छात्रों को पढ़ाई में दिशा देने, सही करियर चुनने और लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता मिलेगी। कमजोर छात्रों को प्रेरित करने और उनकी पढ़ाई से संबंधित समस्याओं का समाधान करने में मार्गदर्शन मिलेगा।
आदिवासी छात्रों को अक्सर नई संस्कृति और शहरी माहौल में ढलने में कठिनाई होती है। काउंसलर उन्हें इस बदलाव में सहायता करेंगे, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ स्कूल में रह सकें।
छात्रों को यह होगा फायदा
बेहतर मानसिक स्वास्थ्य : तनाव, चिंता या डर जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है, जिससे छात्र खुश और स्वस्थ रहेंगे।
पढ़ाई में सुधार : काउंसलर के मार्गदर्शन से छात्र अपनी पढ़ाई पर बेहतर ध्यान दे सकेंगे और अच्छे अंक प्राप्त कर सकेंगे।
करियर में दिशा : काउंसलर प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरियों के लिए मार्गदर्शन करेंगे, जिससे छात्र को करियर में सही दिशा मिलेगी।
आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास : काउंसलर की मदद से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। नेतृत्व, संचार जैसे कौशल से व्यक्तित्व विकास होगा।
विद्यार्थियों में विश्वास पैदा होगा : आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे लड़कियों की सुरक्षा, परिपक्वता की कमी के कारण प्रेम प्रसंग, कम शिक्षा, ड्रॉपआउट होने वाली लड़कियों के माता-पिता द्वारा कम उम्र में शादी कर देना और अपने भविष्य के लिए लक्ष्य केंद्रित न होना। इसलिए आवासीय स्कूलों में काउंसलर की नियुक्ति निश्चित रूप से महत्वपूर्ण होगी। स्कूलों में काउंसलर होने से छात्रों में यह विश्वास पैदा होगा कि कोई उन्हें समझ रहा है। - रूपा बोरेकर (प्राचार्य, एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल, रामटेक)
Created On :   29 May 2025 1:24 PM IST