Nagpur News: 60 फीट की ऊंचाई में मांजे में फंसी चिड़िया , रेस्क्यू कर निकाला

60 फीट की ऊंचाई में मांजे में फंसी चिड़िया , रेस्क्यू कर निकाला
  • घोसले ही बन गया जाल
  • टीटीसी में चल रहा उपचार

Nagpur News एक छोटी-सी चिड़िया, एक ऊंचे पेड़ पर तिनका-तिनका जोड़कर अपने सपनों का आशियाना बना रही थी। लेकिन किसे पता था कि उसका यह घोसला एक खतरनाक जाल में बदल जाएगा। मानकापुर के एक अस्पताल परिसर में, 60 फीट की ऊंचाई पर बने इस घोसले में चिड़िया ने अनजाने में नायलान मांजा भी जमा कर लिया और फिर, एक दिन, वही मांजा उसकी जान का दुश्मन बन गया।

जानकारी के अनुसार एक ड्रोंगो नामक पक्षी जो अपने घोसले में बैठते ही मांजे के चंगुल में फंस गई। उसका नन्हा पैर मांजे में इस कदर उलझा कि वह उड़ने की कोशिश में छटपटाने लगी। दर्द से कराहती चिड़िया की आवाज हवा में गूंज रही थी, लेकिन आसमान की ऊंचाइयों में उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं था। आखिरकार, उसकी तड़प पर कुछ स्थानीय लोगों की नजर पड़ी। उनकी सूझबूझ ने इस छोटे से प्राणी की जिंदगी को नया मौका दिया। जल्द ही, सेमिनरी हिल्स स्थित वन विभाग के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर (टीटीसी) को सूचना मिली। टीटीसी की टीम, जो न सिर्फ बाघों बल्कि छोटे-छोटे पक्षियों की जान बचाने के लिए भी जानी जाती है, तुरंत हरकत में आई। बचाव दल के नायक - प्रतीक घाटे, हरीश कनिका, और प्रशांत कोल्हे ने बिना वक्त गंवाए 60 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ने का जोखिम उठाया। यह नजारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। हवा में लटकता एक रेस्क्यू मिशन, जहां एक छोटी-सी चिड़िया की जिंदगी दांव पर थी। टीम ने सावधानी से घोंसले समेत चिड़िया को नीचे उतारा। मांजे ने उसके पैर को बुरी तरह जकड़ रखा था और जख्म भी हो चुका था। बड़ी सावधानी से मांजा हटाया गया, लेकिन चिड़िया की हालत ऐसी

कांटेदार पूंछ होती है इस पक्षी की : ड्रोंगो पुरानी दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के पासेरिन पक्षियों के परिवार डिक्रूरिडे का सदस्य है । परिवार की 28 प्रजातियों को एक ही जीनस , डिक्रूरस में रखा गया है । ड्रोंगो ज़्यादातर काले या गहरे भूरे रंग के, छोटे पैरों वाले पक्षी होते हैं, जो बैठने पर सीधे खड़े होते हैं। उनकी पूंछ कांटेदार होती है और कुछ की पूंछ पर विस्तृत सजावट होती है। वे कीड़े और छोटे पक्षियों को खाते हैं , जिन्हें वे उड़ान भरते समय या ज़मीन पर पकड़ते हैं। कुछ प्रजातियाँ निपुण नकलची होती हैं और उनमें कई तरह की अलार्म कॉल होती हैं, जिस पर अक्सर दूसरे पक्षी और जानवर प्रतिक्रिया करते हैं। वे नकली अलार्म कॉल करने के लिए जाने जाते हैं जो दूसरे जानवरों को भोजन से दूर भगाती हैं, जिसे ड्रोंगो फिर खा लेता है।


Created On :   28 May 2025 5:12 PM IST

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