Nagpur News: मी लाडली नाही, बस 40 बहनें आईं सामने - जिले में 10 लाख 73 हजार से ज्यादा लाभार्थी

मी लाडली नाही, बस 40 बहनें आईं सामने - जिले में 10 लाख 73 हजार से ज्यादा लाभार्थी
  • जिले में 10 लाख 73 हजार से ज्यादा लाभार्थी
  • सरकार को लेना है निर्णय

Nagpur News. विनोद झाड़े | राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले लाडली बहन योजना लाकर महिलाओं को अपने पक्ष में किया। सरकारी तिजोरी पर इस योजना का जबर्दस्त भार पड़ रहा है। सरकार ने अब इस योजना की समीक्षा करने की घोषणा करने के साथ ही मानकों में फिट नहीं बैठने वाली लाभार्थियों को खुद होकर योजना का लाभ छोड़ने का आह्वान किया है। जिले में 10 लाख से ज्यादा लाभार्थी हैं आैर केवल 40 बहनें ही योजना का लाभ छोड़ने के लिए आगे आई हैं। सरकार की अपील को जिले से कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा है।

मांगा गया है डेटा, होगी जांच

नागपुर शहर में 5 लाख 65 हजार 967 और ग्रामीण में 5 लाख 7 हजार 729 मिलाकर जिले में कुल 10 लाख 73 हजार से ज्यादा लाड़ली बहनें हैं। सरकार ने योजना की समीक्षा करते हुए मानकों में फिट नहीं बैठने वाली महिलाओं को योजना से बाहर करने का काम शुरू कर दिया है। सरकार ने आरटीओ, जिला प्रशासन व महिला एवं बाल विकास विभाग से लाड़ली बहनों का डेटा मांगा है। जिन लाभार्थियों के पास चार पहिया वाहन है, उनका रिकार्ड आरटीओ ने सरकार को भेज दिया है। इनकम टैक्स भरने वाली, अन्य योजना का लाभ लेने वाली, पेंशनभोगी व प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं का डेटा जिला प्रशासन ने सरकार को भेजा है। इसी तरह जिला महिला व बाल विकास विभाग ने लाभ छोड़ने की इच्छा दिखाने वाली बहनों व ग्रेवेंस पोर्टल व ऐप पर आए निवेदनों को सरकार के पास भेज दिया है। 40 महिलाओं ने जिला महिला व बाल विकास कार्यालय को आवेदन देकर लाभ छोड़ने की तैयारी दिखाई है।

सरकार को लेना है निर्णय

आरटीओ, जिला प्रशासन व महिला एवं बाल विकास विभाग से मिले डेटा के बाद योजना का लाभ बंद करने का अधिकार सरकार के पास है और यह निर्णय भी सरकार को ही करना है। जिले से कितनी बहनों को योजना से बाहर किया जाएगा, इसका आंकड़ा प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। प्रशासन का दावा है कि हमारा काम केवल रिपोर्ट भेजना है। रिपोर्ट खारिज करना या नहीं करना यह सरकार का अधिकार है।

नए आवेदन में दिलचस्पी नहीं

चुनाव के पहले सरकार ने कम समय में लाखों महिलाआें को योजना में शामिल किया, लेकिन अब बहनों को सरकार की लाड़ली बनने में बहुत मुश्किल हो रही है। योजना में आैर बहनों को शामिल करने के लिए प्रशासन व शासन अब दिलचस्पी नहीं ले रहा है।



Created On :   6 April 2025 6:01 PM IST

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