Nagpur News: नागपुर जिला परिषद के शिक्षा विभाग में तालमेल का अभाव

नागपुर जिला परिषद के शिक्षा विभाग में तालमेल का अभाव
  • पाठ्यपुस्तकें कम पड़ीं, गणवेश की निधि रह गई शेष
  • पिछले सत्र के आधार पर बुक उपलब्ध कराने से बनी यह स्थिति

Nagpur News सरकारी स्कूलों की विद्यार्थी संख्या बढ़ाने के लिए सरकार विविध योजनाएं चलाती है। उसके बावजूद विद्यार्थी संख्या घट रही है। जिला परिषद के शिक्षा विभाग में आपसी तालमेल का अभाव सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। चालू शैक्षणिक वर्ष में विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें कम पड़ने से विभाग ने अतिरिक्त पुस्तकों की मांग भेजी है। शालेय गणवेश की निधि शेष रह गई। जिला परिषद स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा के सभी विद्यार्थी शालेय गणवेश तथा पाठ्यपुस्तकों के लाभार्थी हैं।

पुस्तकों का समायोजन : अतिरिक्त पाठ्यपुस्तकों की मांग करने पर गत वर्ष विद्यार्थियों को दी गई पुरानी पुस्तकें वापस लेकर अपने स्तर पर समायोजन करने की वरिष्ठ स्तर से सूचना दी गई। शालेय स्तर पर विद्यार्थियों ने पुरानी पुस्तकें वापस लेकर पाठ्यपुस्तकों से वंिचत रहे विद्यार्थियों को उपलब्ध कराईं। अभी भी कुछ विद्यार्थियों को पुस्तकें नहीं मिलने की जानकारी है। शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 की विद्यार्थी संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराए जाने से यह स्थिति पैदा होने का तर्क दिया गया है।

संख्या के आधार पर निधि आवंटन विद्यार्थियों को शालेय गणवेश पूरा हो गया। 2500 विद्यार्थियों के गणवेश की निधि बची रहने की जानकारी सामने आई है। गणवेश वितरण की निधि आवंटन के लिए भी उसी विद्यार्थी संख्या का आधार लिया गया, जिसके आधार पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई गईं।

कई विद्यार्थी वंचित : सरकारी, स्थानीय निकाय संचालित तथा अनुदानित स्कूलों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जाता है। पुस्तकों से वंिचत रहे विद्यार्थियों में जिला परिषद के अनेक विद्यार्थी हैं। गणवेश की निधि बच जाना और पाठ्यपुस्तक कम पड़ना शिक्षा विभाग में आपसी तालमेल के अभाव का प्रमाण है।

Created On :   3 Sept 2025 1:34 PM IST

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