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Nagpur News: नागपुर के ऑक्टेव फेस्टिवल में दिखेगी पूर्वोत्तर भारत की झलक

Nagpur News केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मार्गदर्शन में नॉर्थ-ईस्ट फेस्टिवल ‘ऑक्टेव’ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है।
9 से 12 अक्टूबर 2025 तक दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के परिसर में प्रतिदिन विविधरंगी कार्यक्रम होंगे। जिसमें पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा से आए कुल 223 कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पूर्वोत्तर की समृद्ध परंपरा और कला का दर्शन कराएंगे।
सांस्कृतिक संध्या में बिखेरेंगे लोककला के रंग : इस चार दिवसीय आयोजन का शुभारंभ 9 अक्टूबर को शाम 6 बजे अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में होगा। उद्घाटन समारोह में पारंपरिक परिधान शो और लोकनृत्य की प्रस्तुतियां होंगी। 10 से 12 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 6 से रात 8 बजे तक सांस्कृतिक संध्या होंगी। जिनमें बिहू, बारदोई सिकला, होजागिरी, संग्राई मोग, सिंगी छाम, नागा वार नृत्य, काशाद मस्ती, वांगला नृत्य, चेराव नृत्य, पुंग ढोल चोलम, थांगता, चेरोल जोगोई, जूजू जाजा, मणिपुरी रास और सत्रिया नृत्य जैसी प्रस्तुतियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।
बांस से बनी कलाकृतियांे का निर्माण होगा खास : फेस्टिवल के दौरान प्रतिदिन बांस शिल्प कार्यशाला आयोजित की जाएगी। पूर्वोत्तर भारत के कुशल शिल्पकार इस कार्यशाला में बांस से बनी कलाकृतियों, घर के उपयोगी वस्तुओं और पारंपरिक शिल्प के निर्माण की प्रक्रिया का प्रदर्शन करेंगे। बांस उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारी मांग है। मेला परिसर में पूर्वोत्तर राज्यों के आकर्षक एवं उपयोगी हस्तशिल्पों के विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे। जिनमें बांस के फर्नीचर, बास्केट, सजावटी सामान, लकड़ी व पत्थर के शिल्प, पारंपरिक कपड़े-टेक्सटाइल, मिट्टी के शिल्प, जनजातीय गहने आदि शामिल रहेंगे।
यह मेला प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर की निदेशक आस्था कार्लेकर और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने नागरिकों से बड़ी संख्या में शामिल होकर पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपरा का आनंद लेने का आह्वान किया है।
Created On :   7 Oct 2025 4:03 PM IST