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Nagpur News: नागपुर की 21568 लाड़ली बहनें अपात्र , लाभार्थी सूची से हटाया नाम

- आंगनवाड़ी सेविकाओं के सर्वेक्षण में हुआ खुलासा
- नागपुर शहर के 10584 और ग्रामीण क्षेत्र की 10984 बहनें शामिल
Nagpur News राज्य सरकार की लाडली बहन योजना में अपात्र लाभार्थियों के खुलासे पर खुलासे हो रहे हैं। पहले सर्वेक्षण में सरकारी नौकरी कर रहीं तथा जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, उनके नाम लाभार्थी सूची से हटाई गई हैं। आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से दूसरी बार सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 18 से कम और 65 से अधिक आयु वर्ग तथा एक परिवार में 2 से अधिक लाभार्थी पाए जाने पर उन्हें अपात्र ठहराया गया। शहर और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 21 हजार 568 लाडली बहनों को लाभार्थी सूची से बाहर किया गया। अपात्र ठहराई गईं लाभार्थियों में नागपुर शहर के 10584 और ग्रामीण क्षेत्र की 10984 लाडली बहनों का समावेश है।
बिना जांच-पड़ताल के दी मंजूरी : विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लाडली बहन योजना लाई। बिना जांच-पड़ताल किए अधिकांश आवेदनों को मंजूरी दी गई। उनके खाते में लाभ राशि भी जमा की गई। महायुति के लिए यह योजना गेम चेंजर साबित हुई। राज्य में फिर से महायुति की सरकार बनी। लाडली बहन योजना का सरकार की तिजोरी पर बोझ बढ़ने पर िवत्त विभाग ने सरकारी खर्च में 30 फीसदी कटौती करने का निर्णय लिया। उसके बाद भी आर्थिक संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं।
पहले 5 लाख नाम हटाए गए : योजना का आर्थिक बोझ कम करने के लिए सरकार ने लाडली बहन योजना की शर्तों में सुधार किया। सरकारी नौकरी में रहकर भी योजना का लाभ उठाने वाली, जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, ऐसे राज्यभर से 5 लाख नाम लाभार्थी सूची से हटाए गए। उस पर भी समाधान नहीं होने पर आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से घर-घर सर्वेक्षण कर 18 से कम और 65 से अधिक आयु वर्ग की लाभार्थी, एक ही परिवार में 2 से अधिक लाभ उठाने वालों को खोजकर अपात्र ठहराया गया। हाल ही में आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से सर्वेक्षण पूरा किया गया है।
Created On :   18 Sept 2025 1:55 PM IST