Nagpur News: ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प में फुल-प्लेज्ड वेटरिनरी हॉस्पिटल और रेस्क्यू सेंटर बनाने पर जोर

ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प में फुल-प्लेज्ड वेटरिनरी हॉस्पिटल और रेस्क्यू सेंटर बनाने पर जोर
  • छोटा मटका बाघ की बिगड़ती सेहत पर स्वतः संज्ञान
  • सुधारित अर्जी दायर करने की अनुमति

Nagpur News ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर क्षेत्र के ‘छोटा मटका’ बाघ की लगातार बिगड़ती सेहत पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की है। सुनवाई में न्यायालय मित्र एड. यशवर्धन सांबरे ने सुझाव दिया कि ताड़ोबा में फिलहाल केवल ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। बाघों के समुचित उपचार और बचाव कार्य के लिए वहां ‘फुल-प्लेज्ड’ वेटरिनरी हॉस्पिटल और रेस्क्यू सेंटर स्थापित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने न्यायालय मित्र को इस संबंध में सुधारित अर्जी दाखिल करने की अनुमति दी है।

प्रकाशित खबर पर कोर्ट गंभीर : "छोटा मटका' बाघ के उपचार में लापरवाही को लेकर अखबार में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया। खबर में बताया गया कि "छोटा मटका' की सेहत लगातार बिगड़ रही है, लेकिन प्रबंधन ने इसके उपचार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नतीजतन, अब उसे चलना भी मुश्किल हो गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर उसका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसे देखकर पर्यटक भी चिंतित हैं। सवाल उठ रहा है कि करोड़ों का राजस्व कमाने वाला वन विभाग इस बाघ के उपचार में क्यों टालमटोल कर रहा है? इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, कोर्ट ने स्वत: जनहित याचिका शुरू करने का फैसला लिया और वकील यशवर्धन सांबरे को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया।

सेहत पर रिपोर्ट देने को कहा था : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वन विभाग को फटकार लगाते हुए बाघ की सेहत पर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। बुधवार को न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ ने वन विभाग से फिर स्थिति स्पष्ट करने को कहा। साथ ही, कोर्ट ने न्यायालय मित्र एड. सांबरे को ‘छोटा मटका’ की स्वास्थ्य जांच की अनुमति भी दी। अब इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। राज्य सरकार की ओर से एड. एस. एन. राव ने पैरवी की।


Created On :   18 Sept 2025 12:52 PM IST

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