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OH MY GOD!: चप्पल में छिपकर बैठा हुआ था ज़हरीला सांप, गनीमत थी वक्त रहते आ गया नजर

- चप्पल के अंदर जहरीला रसेल वाइपर
- बाल-बाल बची जान
- ऐन वक्त पर पड़ी नजर
Nagpur News. चिखली इलाके में उस वक्त एक शख्स सन्न रह गया, जब उसने अपनी चप्पल में छिपे सांप को देख लिया। जरा सी लापरवाही उनके के लिए आफत बन सकती थी। तस्वीर जयंती नगरी-3 के एक घर की है, जब चप्पल के अंदर डेढ़ फुट लंबा जहरीला रसेल वाइपर सांप बैठा मिला। गनीमत रही कि समय पर ध्यान गया और बड़ा हादसा टल गया।
चप्पल में सांप, मौके पर पहुंचे सर्पमित्र
घटना सुबह की है, जब स्थानीय निवासी नवनीत अमराते घर से बाहर निकल रहे थे। शू स्टैंड के पास पहुंचते ही उन्होंने चप्पल में कुछ हिलता देखा। करीब से देखने पर यह जहरीला रसेल वाइपर सांप निकला। अचानक हुई इस घटना से पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया।
तुरंत 'हेल्प फॉर एनिमल वेलफेयर एसोसिएशन' को सूचना दी गई। सर्पमित्र आशीष राहेकवाड़ और सचिन झोड़े मौके पर पहुंचे और डेढ़ फुट लंबे रसेल वाइपर को सुरक्षित रेस्क्यू कर प्रकृति में छोड़ दिया। उनकी तत्परता से बड़ी दुर्घटना टल गई।"
"रसल्स वाइपर सबसे खतरनाक सांपों में से एक है। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत शेड्यूल-1 में संरक्षित प्रजाति है। इसका जहर खून पर असर डालता है और समय पर इलाज न हो तो जानलेवा हो सकता है।"
सर्पमित्रों का संदेश - "सांप दिखने पर घबराएं नहीं, उसे मारने की कोशिश न करें। तुरंत सर्पमित्रों को बुलाएं, ताकि सांप और इंसानों दोनों की जान सुरक्षित रहे।"
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि हमें सतर्क रहना चाहिए। सांप अगर घर या आस-पास दिखे, तो तुरंत विशेषज्ञ सर्पमित्रों से संपर्क करें।
रसेल वाइपर (Russell’s Viper) को हिन्दी में घोणस भी कहा जाता है।
रसेल वाइपर के बारे मेंं जानकारी
- वैज्ञानिक नाम: Daboia russelii
- परिवार: वाइपरिडे (Viperidae)
- श्रेणी: विषधर (ज़हरीला सांप)
- संरक्षण स्थिति: भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (संशोधित 2023) के तहत शेड्यूल-1 में संरक्षित।
पहचान
- आकार में 5 फीट तक लंबा, मोटा और भारी शरीर।
- पीले-भूरे रंग का शरीर जिस पर रुद्राक्ष जैसे गोल भूरे-गहरे धब्बे होते हैं।
- सिर चौड़ा और त्रिकोणीय।
- आँखें बड़ी और स्पष्ट, वर्टिकल पुतलियों वाली।
- खतरा महसूस होने पर तेज़ कुकर की सीटी जैसी फुफकार निकालता है।
- जहर का प्रकार: हेमोटॉक्सिक (रक्त को प्रभावित करने वाला)।
प्रभाव
- खून का थक्का जमना रोक देता है।
- शरीर में आंतरिक रक्तस्राव, सूजन और दर्द।
- हृदय, किडनी और लीवर को नुकसान।
- समय पर इलाज न होने पर अंग काटने (गैंग्रीन) या मौत का खतरा।
आवास
- खेतों, झाड़ियों, खुले मैदानों, गांवों के पास और कभी-कभी घरों के आस-पास भी मिल जाता है।
- खासकर बरसात और ठंड के मौसम में यह इंसानी बस्तियों में दिखाई देता है।
व्यवहार
- स्वभाव से आक्रामक, लेकिन बिना उकसाए हमला नहीं करता।
- खतरा महसूस होते ही फुफकारता है और फिर काट सकता है।
- रात में ज्यादा सक्रिय।
सावधानी और बचाव
- खेतों या झाड़ियों में चलते समय ऊँचे जूते पहनें।
- रात में टॉर्च का उपयोग करें।
- सांप दिखने पर उसे छेड़ें नहीं, तुरंत सर्पमित्र को बुलाएं।
- काटने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचें, जहाँ एंटी-वेनम उपलब्ध हो।
Created On :   17 Sept 2025 6:34 PM IST