- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- आरटीआई खुलासा - यूनिवर्सिटी का...
Nagpur News: आरटीआई खुलासा - यूनिवर्सिटी का आवासीय कोचिंग प्रस्ताव रद्द, कारण नहीं बताया

- तीन साल तक दस्तावेजों में तैरती रही छात्रों की योजना
- यूनिवर्सिटी का आवासीय कोचिंग प्रस्ताव रद्द
Nagpur News. गरीब मेधावी छात्रों के लिए आवासीय कोचिंग योजना बिना कारण बताए की रद्द राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ ने रेसिडेंशियल कोचिंग सेंटर (आरसीसी) की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया था। इसका उद्देश्य गरीब, ग्रामीण व सामान्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराना था। यूपीएससी - एमपीएससी तथा अन्य स्पर्धा परीक्षाओं की तैयारी कराने की योजना थी। इसके लिए 6 दिसंबर 2021 को विश्वविद्यालय की व्यवस्थापन परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार एक विशेष समिति गठित की गई। इस समिति ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का अध्ययन कर आरसीसी स्थापना की सिफारिश की थी। इसके लिए निविदा आमंत्रित करके प्रस्तावों का मूल्यांकन भी किया गया। लेकिन, बाद में व्यवस्थापन परिषद ने खुद ही प्रस्ताव को रद्द कर दिया। इस तरह तीन साल तक योजना दस्तावेजों में तैरती रही और अंतत: डूब गई। सूचना अधिकार कानून अंतर्गत 23 मई 2025 को इसकी जानकारी दी गई है।
मंत्रालय में दो बार भेजा पत्र
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के नवोपक्रम, नवसंशोधन व सहकार्य विभाग ने सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग मंत्रालय को 9 अक्टूबर 2023 को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में विद्यापीठ के महात्मा ज्योतिबा फुले विद्यापीठ परिसर में 200 विद्यार्थी क्षमता का आधुनिक रेसिडेंसियल कोचिंग सेंटर (आरसीसी) के निर्माण का मानस व्यक्त किया गया था। स्पर्धा परीक्षा में इस सेंटर से अधिकाधिक विद्यार्थी पास हों, यह उद्देश्य था। इस उद्देश्य पूर्ति के लिए कोई अनुदान योजना हो तो विद्यापीठ द्वारा समझौता करार करने की तैयारी दिखाई गई थी। इस पत्र की प्रतियां पुणे स्थित आदिवासी संशोधन व प्रशिक्षण संस्था के आयुक्त और नागपुर स्थित महाज्योति (डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक न्याय भवन) के व्यवस्थापकीय संचालक को सौंपी गई थीं। 29 फरवरी 2024 को फिर से स्मरण पत्र दिया गया। लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना पर सकारात्मक पहल नहीं की गई।
सुविधाएं व कोचिंग व्यवस्था
विद्यापीठ के महात्मा ज्योतिबा फुले विद्यापीठ परिसर में एक केंद्रीय प्रशिक्षण भवन को आरसीसी के लिए चिन्हित किया गया है। इस भवन में ग्रंथालय, तकनीकी सुविधाएं व कोचिंग के लिए समुचित कक्ष मौजूद हैं। इसी भवन में आरसीसी शुरू किया जाना था। समिति ने बार्टी, सारथी, महाज्योति, आदिवासी संशोधन व प्रशिक्षण संस्था (टीआरटीआई) द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का अध्ययन किया।
अनुदान किया बंद
पूर्व में विश्वविद्यालय परिसर में बार्टी और टीआरटीआई के सहयोग से कोचिंग दी जा रही थी। अपेक्षित परिणाम न मिलने के कारण 2017 से दोनों ने अनुदान बंद कर दिया। अत: विद्यापीठ द्वारा दोबारा आरसीसी का संचालन कर पाना व्यावहारिक नहीं लग रहा था। इसलिए समिति ने कुछ संस्थाओं से प्रस्ताव मंगाए। समिति को 6 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 4 को फेल कर दिया गया। 2 संस्थाओं के प्रस्तावों का चयन किया गया। दोनों संस्थाएं मिलकर 200 विद्यार्थियों को यूपीएससी व एमपीएससी की कोचिंग देने को तैयार हुई।
अंतत: प्रस्ताव किया रद्द
संस्थाओं ने विद्यापीठ के नियम-शर्तों का पालन करने सहमति पत्र दिया। विद्यापीठ ने शुरुआत में स्वयं की निधि से इसकी शुरुआत करने की तैयारी दिखाई। बाद में विविध सरकारी विभागों से अनुदान मांगा जाने वाला था। सारी योजनाएं कागज पर तैयार हुईं। लेकिन बाद में व्यवस्थापन परिषद ने ही प्रस्ताव रद्द कर दिया। इस तरह तीन साल तक योजना दस्तावेजों में तैरती रही और अंतत: डूब गई। 23 मई 2025 को प्राप्त सूचना अधिकार कानून अंतर्गत इसकी जानकारी दी गई है।
Created On :   23 Jun 2025 5:12 PM IST