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Nagpur News: शासकीय पॉलिटेक्निक शिक्षकों को मिली बड़ी राहत , न्याय के लिए लगाई थी गुहार

- राज्य के 40 कॉलेजों के 202 शिक्षकों ने दायर की थी याचिका
- कोर्ट ने कहा ईडब्ल्यूएस छात्रों को स्वीकृत प्रवेश में गिना जाए
Nagpur News राज्य के 40 विभिन्न सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज के स्थायी शिक्षकों की याचिका पर महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण (मॅट) ने ईडब्ल्यूएस छात्रों को स्वीकृत प्रवेश में गिनने के आदेश दिए है। मॅट के इस महत्वपूर्ण फैसले से सरपल्स शिक्षकों की संख्या में कमी होगी जिससे पॉलिटेक्निक शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। न्या. विनय जोशी और सदस्य नितिन गद्रे की पीठ ने यह फैसला दिया है।
याचिका में सरकार के 11 फरवरी 2025 के जीआर और 10 फरवरी 2025 के सर्कुलर को चुनौती दी गई थी, जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के 2024-2027 दिशानिर्देशों पर आधारित थे। शिक्षकों ने दावा किया कि सरकार ने शिक्षक-छात्र अनुपात को 1:20 से बढ़ाकर 1:25 करने के कारण साइंस और ह्यूमैनिटीज विभाग में शिक्षकों की संख्या 50 प्रतिशत तक कम कर दी। यह गणना वास्तविक छात्र संख्या (62,910) के बजाय स्वीकृत प्रवेश क्षमता (51,336) पर आधारित थी, जिससे 11,564 छात्रों की गणना छूट गई। इसलिए याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), ट्यूशन फी माफी योजना (टीएफडब्ल्यूएस) और लेटरल एंट्री छात्रों को स्वीकृत प्रवेश (प्रवेश के लिए आधिकारिक रूप से मंजूरी दी गई सीटों की संख्या) में शामिल किया जाए।
इस याचिका पर हुई सुनवाई में कोर्ट ने आंशिक रूप याचिका मंजूर करते हुए आदेश दिया कि ईडब्ल्यूएस छात्रों को स्वीकृत प्रवेश में गिना जाए, क्योंकि एआईसीटीई दिशानिर्देश उन्हें सुपरन्यूमररी नहीं मानते। लेटरल एंट्री छात्रों को एआईसीटीई के अनुसार सुपरन्यूमररी माना गया, लेकिन सरकार ने इन्हें स्वीकृत प्रवेश में शामिल किया, जिस पर पुनर्विचार का निर्देश दिया गया। टीएफडब्ल्यूएस छात्र सुपरन्यूमरर रहेंगे। साथ ही कोर्ट ने सर्कुलर में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ आर. एल. खापरे और एड. राघव कविमंडन ने पैरवी की।
स्टाफिंग पैटर्न में संशोधन करने के आदेश : इस याचिका में महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण ने सरकार को जीआर में स्टाफिंग पैटर्न संशोधित करने का भी आदेश दिया, ताकि यह एआईसीटीई दिशानिर्देशों के अनुरूप हो।
Created On :   29 May 2025 3:35 PM IST