Nagpur News: विदर्भ क्षेत्र में मानसूनी घटनाओं और उनके कृषि एवं सामाजिक प्रभावों पर होगा शोध

विदर्भ क्षेत्र में मानसूनी घटनाओं और उनके कृषि एवं सामाजिक प्रभावों पर होगा शोध
  • ट्रॉपिकल साइक्लोन रिसर्च एंड रिव्यू पर आधारित होगा अध्ययन
  • आपदा से निपटने की रणनीतियां बेहतर

Nagpur News भारतीय मौसम विभाग, मध्य भारत विशेषकर विदर्भ क्षेत्र में अत्यधिक मानसूनी घटनाओं और उनके कृषि एवं सामाजिक प्रभावों पर अनुसंधान करेगा। नागपुर मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि यह विश्लेषण भविष्य में विदर्भ क्षेत्र के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि घटनाओं का वैज्ञानिक अध्ययन जलवायु परिवर्तन की बदलती प्रवृत्तियों को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी तरह जून 2022 में मेघालय में हुई अत्यधिक भारी वर्षा की घटनाओं पर आधारित एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन ट्रॉपिकल साइक्लोन रिसर्च एंड रिव्यू (टीसीआरआर) पत्रिका में प्रकाशित हुई है। यह शोध भारत के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), नई दिल्ली और नागपुर के एयरोड्रोम मौसम विज्ञान कार्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया गया। अध्ययन दल में डॉ. रिजवान भी शामिल थे।

बेहतर रणनीति बनेगी विदर्भ की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वर्षा आधारित कृषि पर निर्भर है। यह क्षेत्र लगातार सूखा, असमय बारिश एवं बाढ़ जैसी समस्याओं से जूझता रहा है। ऐसे में मौसमीय आंकड़ों, उपग्रह डेटा और वायु की गति के विश्लेषणों के माध्यम से वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा, ताकि कृषि उत्पादन की योजना, जल संसाधन प्रबंधन और आपदा से निपटने की रणनीतियां बेहतर बनाई जा सकें।

मददगार होगा अध्ययन डॉ. रिजवान का मानना है कि विदर्भ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान से न केवल मौसम पूर्वानुमान सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सकेगा, बल्कि अत्यधिक मौसमी घटनाओं से उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक संकटों को भी कम किया जा सकेगा। भविष्य में विदर्भ में होने वाले इस प्रकार के शोध, स्थानीय समुदायों की सुरक्षा, आपदा तैयारी और दीर्घकालिक जलवायु अनुकूल उपायों के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं।

Created On :   18 April 2025 6:06 AM

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