Nagpur News: इंतजार खत्म - बुटीबोरी उड़ानपुल शुरू, स्लैब का हिस्सा खिसकने से बंद था यातायात

इंतजार खत्म - बुटीबोरी उड़ानपुल शुरू, स्लैब का हिस्सा खिसकने से बंद था यातायात
  • दिसंबर 2024 में स्लैब का एक हिस्सा नीचे खिसकने से बंद था यातायात
  • परीक्षण में हर घंटे की रिपोर्ट ली गई

Nagpur News. आखिरकार 5 महीने के लंबे इंतजार के बाद बुटीबोरी उड़ानपुल शनिवार को यातायात के लिए शुरू हो गया। दिसंबर 2024 में एक भारी मालवाहक ट्रेलर के गुजरने के बाद उड़ानपुल का एक हिस्सा नीचे खिसक गया था, जिसके बाद इसे यातायात के लिए बंद कर दिया गया था।

दिक्कतें : यातायात बंद करने से कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाले इस राष्ट्रीय महामार्ग पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रोजाना ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा।

मरम्मत : इस दौरान उड़ानपुल की मरम्मत का काम किया। दिल्ली से पहुंची एनएचएआई टीम ने इसका निरीक्षण किया था। वीएनआईटी ने इसकी तकनीकी रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद यह काम शुरू हुआ।

परीक्षण : पांच महीने तक चले काम के बाद पिछले दो-तीन दिन तक इसका परीक्षण (टेस्टिंग) की गई। भारी वाहनों को लाकर इस पर रखा गया। 48 घंटे का परीक्षण सफल होने के बाद इसे यातायात के लिए खोलने का निर्णय लिया गया।

टाइम लाइन...परीक्षण में हर घंटे की रिपोर्ट ली गई

बुटीबोरी उड़ानपुल का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ था। 2021 में यह बनकर तैयार हुआ। 52 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण किया गया था।

  • जमीन अधिग्रहण सहित अन्य मामलों के कारण यह उड़ानपुल विवादों में भी रहा। कोर्ट में मामला भी चला, जिस कारण यह अपने तय समय से पूरा नहीं हो पाया।
  • केवल साढ़े तीन साल बाद ही दिसंबर 2024 में आंशिक रूप से ढह गया। पुल की मरम्मत के लिए वीएनआईटी द्वारा जांच की गई और कुछ सिफारिशें दी गईं।
  • पुल के ढांचे को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त स्टील और कार्बन लेमिनेशन का उपयोग किया गया। पिछले दो-तीन दिन से उड़ान पुल पर भार वहन क्षमता परीक्षण का कार्य चल रहा था।
  • वाहनों के भार वहन की निगरानी के लिए हर घंटे की रिपोर्ट जमा की जा रही थी। इसके परिणाम अनुकूल रहे। बताया जाता है कि वीएनआईटी की हरी झंडी के बाद इसे शुरू करने का निर्णय लिया गया।

180 टन का वाहन गुजरा था : दिसंबर 2024 में नागपुर से वर्धा जाने वाले मार्ग पर बाईं ओर स्लैब क्षतिग्रस्त हो गया था, जब 180 टन से अधिक वजन वाला वाहन पुल से गुजरा था, जिसके बाद उड़ानपुल को बंद कर दिया गया था। बंद होने के बाद कई दिन तक इसका काम शुरू नहीं हो पाया। सिर्फ निरीक्षण का दौर था। अंतत: वीएनआईटी की सलाह के आधार पर, एनएचएआई ने कई संरचनात्मक बदलाव किए।

और मजबूती दी गई : अधिकारियों के अनुसार, पुल के बाहरी हिस्से पर स्ट्रट पॉकेट्स, जो ओवरलोड का खामियाजा भुगत रहे थे, उन्हें अतिरिक्त स्टील से मजबूत किया गया। मजबूती को बढ़ाने के लिए शेष स्ट्रट्स पर कार्बन लेमिनेशन भी लगाया गया। इसके अलावा, बिटुमेन की एक नई परत लगाकर खिसके हुए स्लैब को ऊपर उठाया गया। परीक्षण के बाद वीएनआईटी ने इसके डेटा का विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट एनएचएआई को सौंपी। इसके बाद एनएचएआई द्वारा इसे शुरू करने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि मरम्मत का पूरा खर्च फ्लाईओवर निर्माण के लिए जिम्मेदार निजी ठेकेदार द्वारा वहन किया गया है।

नागरिकों को मिली राहत

  • बुटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र और नागपुर शहर के लिए यह फ्लाईओवर अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके फिर से शुरू होने से न केवल यातायात जाम कम होगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र से माल की ढुलाई भी अधिक सुगम हो जाएगी।
  • शनिवार को बुटीबोरी के थानेदार भोसले ने भी पुल का जायजा लिया। उड़ान पुल से यातायात शुरू होने के बाद जाम की स्थिति से नागरिकों को राहत मिली।

Created On :   25 May 2025 5:41 PM IST

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