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Nasgpur News: उपभोक्ता मंच सुस्त , नागपुर में चार वर्ष में हुए सिर्फ 104 फैसले

- मात्र 3.25 प्रतिशत मामलों का निपटारा
- न्याय पाने के लिए वर्षों तक करनी पड़ रही प्रतीक्षा
Nagpur News जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग उपभोक्ताओं की शिकायतों के निपटारे के लिए जिला स्तर पर कार्य करने वाला अर्ध-न्यायिक मंच है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को वस्तु या सेवा में हुई खामी, धोखाधड़ी या अनुचित व्यवहार के मामलों में न्याय दिलाना है। लेकिन आयोग की कार्यप्रणाली बेहद धीमी साबित हो रही है। वर्ष 2022 से 2025 के बीच कुल 3193 मामले दायर किए गए, जिनमें से केवल 104 मामलों का ही निपटारा किया गया। यानी 3089 मामले अब भी लंबित हैं। इस अवधि में आयोग ने मात्र 3.25 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया है। शिकायतों के निपटारे में हो रही देरी के कारण उपभोक्ताओं को न्याय पाने के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।
3193 मामले दर्ज _ यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सामने आई है। सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने सूचना के अधिकार के तहत जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग से कई सवाल पूछे थे। उन्होंने वर्ष 2022 से 2025 के बीच दायर, निपटाए गए और लंबित मामलों का वर्षवार विवरण मांगा था। आयोग के जन सूचना अधिकारी ने जवाब में बताया कि इस अवधि में कुल 3193 मामले दर्ज हुए, जिनमें से केवल 104 मामलों में फैसला सुनाया गया, जबकि शेष मामले अब भी विचाराधीन हैं।
बिल्डर्स के खिलाफ अधिक मामले : बिल्डर्स के खिलाफ दर्ज शिकायतों की बात करें, तो वर्ष 2024 में सबसे अधिक 682 मामले दायर किए गए। वर्ष 2022 में 571, वर्ष 2023 में 430 और वर्ष 2025 में अब तक 414 मामले दर्ज हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि उपभोक्ता आयोग में बिल्डर्स के खिलाफ शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
फैसले उपभोक्ताओं के पक्ष में : जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग के वर्ष 2022 से 25 तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो अधिकांश मामलों में फैसले उपभोक्ताओं के पक्ष में आए हैं। वर्ष 2022 में आयोग ने 281 मामलों में उपभोक्ता के पक्ष में और 11 मामलों में उपभोक्ता के खिलाफ निर्णय दिया। वर्ष 2023 में 257 मामलों में पक्ष में और 49 मामलों में खिलाफ फैसला हुआ। वर्ष 2024 में 509 उपभोक्ताओं के पक्ष में तथा 54 के खिलाफ निर्णय दिए गए, जबकि वर्ष 2025 में अब तक 347 मामलों में उपभोक्ता के पक्ष में और 147 मामलों में उनके खिलाफ फैसले सुनाए गए हैं।
Created On :   28 Oct 2025 1:12 PM IST














