सैर-सपाटा: अब बिना शोर जंगल की सैर, दिखेंगे बाघ

अब बिना शोर जंगल की सैर, दिखेंगे बाघ
ई जिप्सी का पावर बढ़ाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेंच में अब बिना शोर जंगल की सैर होगी। जिससे यहां बाघ, तेंदुए दिखने की संभावना बढ़ जाएगी। जनवरी माह से यहां प्रायोगिक तौर पर ई जिप्सी शुरू की जा रही है। जिसे सफल होने के बाद पूरी डीजल जिप्सी को ई जिप्सी में बदला जाएगा। फिलहाल पांच ई जिप्सी ही चलाई जानेवाली हैं। बता दें कि गत तीन साल पहले भी ई जिप्सी चलाने के लिए वन विभाग ने प्रयास किया था। लेकिन उस वक्त ई वाहनों में खींचने की क्षमता कम होने से पेंच जंगल के उबड़-खाबड़ रास्ते पर उन जिप्सियों से घूमना संभव नहीं था। लेकिन अब ई जिप्सी का पावर बढ़ गया है। जिससे इन्हें आसानी से पेंच के जंगलों में घुमाया जा सकेगा।

ऐसा है पेंच व्याघ्र प्रकल्प : महाराष्ट्र का पेंच व्याघ्र प्रकल्प न केवल यहां के बल्कि बाहरी राज्य के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है। 741 स्क्वेयर किमी में फैले इस क्षेत्र में दो भाग आते हैं, जिसमें ईस्ट पेंच व वेस्ट पेंच शामिल हैं। ईस्ट पेच की बात करें तो यहां सिल्लारी, खर्सापार, पवनी व चोरबाहुली कुल चार गेट आते हैं। वहीं रेंज की बात करें तो पिपरिया, चोरबाहुली, देवलापार व पवनी शामिल हैं। वहीं वेस्ट पेंच में कोलीतमारा, खुबाडा, सालईघाट व सुरेवानी गेट आते हैं। वहीं कोलीतमार, सालईघाट व नागलवाड़ी रेंज शामिल है। पूरे पेंच में बाघों की संख्या की बात करें तो 41 स्थाई बाघ यहां मौजूद हैं। वहीं बाहर से आने वाले बाघों की संख्या हर महीने 20 के करीब रहती है।

वन विभाग ने काम शुरू किया : प्रायोगिक तौर पर पेंच में ई जिप्सी चलाई जानेवाली है। इस दिशा में वन विभाग ने काम भी शुरू कर दिया है। सबकुछ ठीक रहा तो जनवरी माह से 5 जिप्सी को चलाया जानेवाला है। -डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, प्रभारी क्षेत्र संचालक, पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर

ई जिप्सी से क्या होगा फायदा : पेंच में जंगल सफारी को लेकर आये दिन पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। जंगल के भीतर पेट्रोल वाहनों की आवाज व प्रदूषण दोनों ही वन्यजीवों के परेशानी का कारण बन रहा है। ऐसे में वन विभाग इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए कवायद कर रही है। इसके लिए अभी तक 5 जिप्सी बुक भी की हैं। जिसे जनवरी माह में जंगल की 5 पेट्रोल जिप्सी को रिप्लेस कर चलाया जाएगा।

Created On :   14 Oct 2023 10:53 AM GMT

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