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आयुक्तालय में उपजिलाधीश को उपायुक्त बनाने से अधिकारी नाराज
- आयुक्तालय में अधिकारी नाराज
- उपजिलाधीश को उपायुक्त बनाने से नाराजगी
- सामाजिक न्याय विभाग में अतिक्रमण
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सामाजिक न्याय विभाग में राजस्व विभाग का अतिक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा। विभाग के अधिकारी लंबे समय से रिक्त जगहों पर राजस्व विभाग के अधिकारियों को नियुक्त करने का विरोध कर रहे हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों को पोस्टिंग देने के कारण सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी पदोन्नति से वंचित रह रहे हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में पुणे स्थित सामाजिक न्याय विभाग के आयुक्तालय में उपजिलाधीश (राजस्व विभाग) को उपायुक्त पद पर नियुक्त करने से विवाद खड़ा हो गया है। इसे सामाजिक न्याय विभाग के प्रशासनिक ढांचे को नष्ट करने का कदम बताया जा रहा है।
एक दिन के लिए सह आयुक्त का मुद्दा मानसून सत्र में मुंबई में जारी मानसून सत्र में भी सामाजिक न्याय विभाग में चल रही अंधेरगर्दी का मुद्दा उठा। विभाग अपने अधिकारियों को समय पर पदोन्नति नहीं देने की बात सरकार के ध्यान में लाई गई। तत्कालीन उपायुक्त रमेश आत्राम को केवल एक दिन के लिए सह आयुक्त के पद पर पदोन्नत करने की जानकारी सदन में दी गई। समय पर पदोन्नति नहीं देने के कारण कई पद खाली पड़े हुए हैं।
विभाग के पास एक कैडर है : सामाजिक न्याय विभाग के पूर्व आयुक्त व संविधान फाउंडेशन के ई.जेड. खोबरागड़े ने राजस्व विभाग के अधिकारी की नियुक्ति को अतिक्रमण करार दिया है। सामाजिक न्याय के सचिव ने इसे रोकना चाहिए। समाज कल्याण विभाग के पास एक कर्मचारी योजना, एक कैडर है। इसे बर्बाद मत करो। विभाग के ही सहायक आयुक्त को उपायुक्त, उपायुक्त को सह आयुक्त व फिर अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नत करना चाहिए। सामाजिक न्याय विभाग का पुनर्गठन एवं सुदृढ़ीकरण आवश्यक है। मंत्रिपरिषद ने 17 फरवरी 2010 को विजन डॉक्यूमेंट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई।
Created On :   31 July 2023 7:14 PM IST