महाराष्ट्र में कलंक पर सियासत गरम, फड़णवीस के खिलाफ उद्धव के बयान पर गडकरी का निशाना

महाराष्ट्र में कलंक पर सियासत गरम, फड़णवीस के खिलाफ उद्धव के बयान पर गडकरी का निशाना
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  • फड़णवीस के खिलाफ उद्धव का बयान
  • उद्धव के बयान पर गडकरी का निशाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कलंक पर सूबे की सियासत गरमाई गई है, जिसके बाद उद्धव ठाकरे के खिलाफ बीजेपी ने जमकर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्धव ठाकरे की टिप्पणी की निंदा की है। ट्वीट किया कि जब उद्धव (एमवीए) में थे, तब उद्धव बीजेपी की ओर से किए विकास कार्यों पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन इतने निचले स्तर पर व्यक्तिगत आरोप लगाना राज्य की राजनीतिक संस्कृति के अनुरूप नहीं है। पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि देवेंद्र फड़णवीस नागपुर के लिए कलंक हैं। उन्होंने कभी कहा था कि एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी कर लिया। बीजेपी नेता की ना का मतलब हां होता है। ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस की पुरानी ऑडियो क्लिप भी माइक्रोफोन पर सबको सुनवाई।

उद्धव ठाकरे की ओर से फड़णवीस पर की गई टिप्पणी के बाद युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उनके पोस्टर फाड़ दिए। सोमवार को उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फड़णवीस के गृह क्षेत्र नागपुर में एक जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि वे कह रहे हैं, उद्धव ठाकरे ने हमें छुरा घोंपा। ठाकरे ने पूछा कि सबसे पहले किसने उद्धव की पीठ में छुरा घोंपा? 2014 में शिवसेना ने गठबंधन नहीं तोड़ा था

फडणवीस की ना का मतलब हां है

पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि फडणवीस नहीं, नहीं, नहीं कहते रहते हैं, उनके नहीं का मतलब हां है। फडणवीस ने कई बार कहा था कि राकांपा से गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन राकांपा को भाजपा में शामिल कर गए। मुख्यमंत्री शिंदे बालासाहब ठाकरे के विचारों की बात करते हैं, लेकिन उनका अपमान भी देखते रहते हैं। भाजपा ने बालासाहब की फोटो हटाई तो शिंदे ने कुछ नहीं कहा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले मेरे बारे में वक्तव्य देते रहते हैं। उन्हे जवाब देने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष की स्थिति केवल कुर्सी पर बैठे रहने की है। सोमवार को देशपांडे सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में उद्धव ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी को भाजपा में लाकर स्वच्छ किया जा रहा है।

उद्धव ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए अब मोदी कार्ड नहीं चल रहा है। कर्नाटक में प्रधानमंत्री मोदी ने बजरंग बली के नाम का सहारा लिया। फिर भी सफलता नहीं मिली। इसलिए अब भाजपा ने तोड़-फोड़ की राजनीति शुरू की है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भाषण की क्लिप सुनाते हुए उद्धव ने कहा कि फडणवीस नागपुर के लिए कलंक है। उनकी स्थिति ऐसी है कि उन्हें न तो सहन हो रहा है, न ही कुछ बता पा रहे हैं।

मनपा की हो जांच

विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि नागपुर मनपा में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। मुंबई ही नहीं, नागपुर मनपा के विकास कार्यों की जांच होनी चाहिए। कार्यक्रम मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सांवत,, विनायक राऊत, मिलिंद नार्वेकर, प्रकाश जाधव, नितीन देशमुख, किशोर कुमेरिया, प्रमोद मानमोडे, सुरेश साखरे, सतीश हरडे, नितीन तिवारी, दीपक कापसे, राधेश्याम हटवार, हर्षल काकडे, शरद सरोदे सहित अन्य पदाधिकारी थे।

अब हो जाने दो चर्चा

जनता के मन में असंतोष है। भाजपा और सरकार के विरोध में असंतोष की भांप को बाहर लाना होगा। 2014 के पहले विदर्भ में ही चाय पे चर्चा की गई थी। ‘अब हो जाने दो चर्चा’ कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। शिवसेना कार्यकर्ताओं से आवाहन है कि वे लोगों के बीच जाकर बताएं कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे और भाजपा के दावे निराधार हैं। भाजपा देश को तानाशाही की ओर ले जा रही है। इसलिए तानाशाही से बचने के संघर्ष में सभी को शामिल करना होगा।

Created On :   11 July 2023 5:16 PM IST

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