सरकारी खर्च: सालों से दौरे का नागपुर को अब तक कोई फायदा नहीं

सालों से दौरे का नागपुर को अब तक कोई फायदा नहीं
लाखों रुपए फूंकने पर भी कुछ हाथ नहीं लगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के शिक्षण और महिला व बाल कल्याण विभाग की ओर से सदस्यों का अभ्यास दौरा कराया जाता है। इस दौरे में अन्य जगह अमल में लाई जा रहीं योजनाओं का सूक्ष्म अभ्यास कर उस पर अपने जिले में अमल करना अपेक्षित है। बरसों से यह परंपरा चली आ रही है।

खास बात यह है कि, किसी भी अभ्यास दौरे से सीख लेकर जिले को उसका फायदा हुआ, ऐसा एक भी उदाहरण अभी तक सामने नहीं आया। अभ्यास दौरे के नाम पर जिला परिषद को लाखों रुपए की चपत लगाई गई। यह खर्च जिला परिषद के सेस फंड से किया जाता है। अभ्यास दौरे पर बेवजह लाखों रुपए फूंकने पर भी कुछ हाथ नहीं लगने से ग्रामीण जनता में विराेध के सुर उठने शुरू हो गए हैं।

गत वर्ष दो दौरे पर खर्च हुए थे 10 लाख से अधिक :शिक्षण और महिला व बाल कल्याण विभाग के अभ्यास दौरे पर प्रति वर्ष 10 लाख से अधिक का खर्च होता है। गत वर्ष शिक्षण विभाग ने 6 लाख रुपए गोवा दौरे पर खर्च किए। महिला व बाल कल्याण विभाग के दौरे पर 7 लाख रुपए के आस पास खर्च हुआ।

दौरे में परिवार के सदस्य करते हैं मौज-मस्ती

अभ्यास दौरे में जिला परिषद सदस्यों का जाना अपेक्षित है। उनका खर्च जिला परिषद सेस फंड से किया जाता है। गत वर्ष एक अभ्यास दौरे में सदस्यों के परिवारों के सदस्यों को मौज-मस्ती का अवसर प्राप्त हुआ। दौरे में किसी महिला सदस्य के प्रति, तो किसी सदस्य के बच्चों ने सैर-सपाटे का अानंद लिया।

अब केरल दौरे पर जाना चाहते हैं सदस्य

शिक्षा और महिला व बाल कल्याण विभाग सदस्यों के अभ्यास दौरे का नियोजन कर रहा है। दाेनों विभाग के सदस्य केरल दौरे के लिए आग्रही बताए जाते हैं। किसी एक विभाग का केरल दाैरा तय होने पर दूसरा विभाग किसी अन्य राज्य का चयन करने की सूत्रों ने जानकारी दी है।

Created On :   4 Oct 2023 1:30 PM IST

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