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15 साल के मुकदमे में सजा जैसी ही पीड़ा - हाई कोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर. न्यायालय के समक्ष कई ऐसे प्रकरण भी देखने को मिलते हैं, जो वास्तव में एक मिसाल बन जाते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही मामला बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में भी देखने को मिला। वर्ष 2008 में पड़ोसियों के बीच हुई मारपीट के प्रकरण में निचली अदालत ने आरोपियों को 3 माह की जेल की सजा सुनाई। आरोपी कुछ दिन जेल काट कर जमानत पर रिहा हुए। 15 वर्ष तक विविध अदालतों में मुकदमा चला, जिसके बाद अब कहीं जा कर वर्ष 2023 में हाई कोर्ट ने इस प्रकरण का निपटारा किया। हाई कोर्ट ने माना कि इस प्रकरण में आरोपियों ने 15 वर्ष तक मुकदमा लड़ा। यह भी एक प्रकार से सजा जैसा ही है। निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद से याचिकाकर्ता कितने तकलीफ में रहे होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हाई कोर्ट ने आरोपियों द्वारा अब तक काटी गई सजा को पर्याप्ता माना और पीड़ित पक्ष को 50 हजार रुपए जुर्माना देने का आदेश देकर प्रकरण का निपटारा कर दिया।
बडनेरा पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार, यह घटना 5 नवंबर 2008 की है। फरियादी मिर्जा उमरान बेग और आरोपी पड़ोसी हैं। घटना के दिन उनके बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया और बात मारपीट तक पहुंच गई। फरियादी के अनुसार आरोपियों ने उसके और उसके पिता पर लोहे की रॉड से हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। अमरावती जेएमएफसी न्यायालय ने भादवि 323 के तहत दोषी करार देकर तीनों आरोपियों को तीन माह की जेल और प्रत्येक को 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सत्र न्यायालय में आरोपियों के अपील करने पर अपील खारिज हुई तो उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली।
Created On :   24 July 2023 6:51 PM IST