भाई की कलाई पर बहनें बांधेंगी बांस से बनी राखी

भाई की कलाई पर बहनें बांधेंगी बांस से बनी राखी
  • उपयोगिता बढ़ेगी, रोजगार मिलेगा
  • बहनें बांधेंगी बांस से बनी राखी

डिजिटल डेस्क, नागपुर, सचिन मोखारकर| बांस एक ऐसी वनस्पति है, जिसके बहुत से उपयोग हैं। इसके करीब 1,500 उपयोग रिकॉर्ड किए जा चुके हैं, जिनमें खाद्य पदार्थ के रूप में, लकड़ी के विकल्प के रूप में, निर्माण और भवन सामग्री के रूप में, हस्ताशिल्प वस्तुओं के लिए कच्चे माल की तरह और लुगदी तथा कागज जैसे उपयोग बड़े आम हैं। आपने भी कुछ सामग्री का उपयोग भी किया होगा, लेकिन बांस की राखी शायद सुनी भी नहीं होगी। इस बार पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के लिए यह अनोखी पहल की जा रही है। बांस से आकर्षक राखियों को तैयार किया जा रहा है। नागपुर के अलावा इसे पुणे, मुंबई में भी भेजे जाने की तैयारी है।

अनेक उत्पादों में दिखा है हुनर : नागपुर जिले का व्याघ्र प्रकल्प बाघों के लिए प्रसिद्ध है। यहां कुल 6 बीट हैं, जहां प्रति दिन बड़ी संख्या में सैलानियों का आवागमन होता है। यहां आस-पास के कई गांवों में रहने वालों की जीविका का मुख्य साधन खेती ही है। खेत में काम नहीं रहने से यहां के लोग बेरोजगार हो जाते हैं। ऐसे में वन विभाग अपनी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत इन्हें काम देती है। इससे एक ओर वन विभाग का काम पूरा होता है, तो दूसरी ओर गांव निवासियों को रोजगार मिलता है। हाल ही में जंगल में मिलने वाले फल से लेकर वनस्पतियों का इस्तेमाल करते हुए अचार से लेकर घर की सजावट वाली वस्तुओं को तैयार किया गया है। यहां तक ब्रेड पर लगानेवाला जैम तक गांव के निवासियों की मदद से तैयार कर शहर में भेजा गया है। इसके अलावा बीड़ी पत्ता तोड़ने का काम भी दिया जाता है। अब इनके पास एक नया रोजगार आया है।

पहली बार यह प्रयोग : जल्द ही राखी का पर्व आने वाला है। इसे देखते हुए कुछ फांउडेशन व महिला बचत गट की मदद से बांस से राखी तैयार किए जा रहे हैं। अब तक 5 हजार राखी तैयार किए जा चुके हैं। राखी तैयार करने के लिए गांव की महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। पेंच के कोलितमारा में रहने वाली महिलाओं के हाथों से यह राखियां बनाई जा रही हैं। पेंच टाइगर रिजर्व व किरण फाउंडेशन ने करार (एमओयू) के तहत आनंदीबाई महिला बचत गट के माध्यम से राखियां बनाने का जिम्मा लिया है। अधिकारियों की मानें, तो पहली बार ही यह प्रयोग किया है। सफलता मिलने पर अगली बार ज्यादा संख्या में ऐसी राखियां बनाई जाएंगी।

उपयोगिता बढ़ेगी, रोजगार मिलेगा

डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, उपवनसंरक्षक (वाइल्ड लाइफ) पेंच टाइगर रिजर्व के मुताबिक इस उपक्रम से जहां बांस की उपयोगिता बढ़ेगी, वहीं महिलाओं को रोजगार मिलेगा। नागपुर के साथ मुंबई, पुणे में भी बांस से बनी राखी बेचने के लिए भेजा जाएगा।


Created On :   13 Aug 2023 4:58 PM IST

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