मेयो में सिकलसेल ग्रस्त महिला से सौतेला व्यवहार

मेयो में सिकलसेल ग्रस्त महिला से सौतेला व्यवहार
  • दो घंटे घूमती रही
  • नहीं लगाया इंजेक्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) में सिकलसेल मरीजों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ब्रह्मपुरी निवासी एक सिकलसेल पीड़ित महिला मेयो पहुंची। डॉक्टर ने जांच के बाद इंजेक्शन लगाने को कहा। कार्ड पर लिखकर दिया, लेकिन उसे इस खिड़की से उस खिड़की जाने के लिए कहा जाने लगा। दो घंटे तक यह पीड़ित परेशान हुई। अंतत: एक संस्था की मदद से उसका उपचार हो पाया।

कार्ड पर लिख दिया : प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपाली कोसे गुरुवार को सुबह मेयो की ओपीडी में आई। कार्ड निकालकर डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने ट्रामाडोल इंजेक्शन लगाने के लिए कार्ड पर लिख दिया। उसे 15 नंबर की खिड़की पर भेजा गया। वहां पहुंचने पर कर्मचारी ने 40 नंबर में जाने को कहा। वहां जाने पर इंजेक्शन नहीं लगाए जाते जवाब दिया गया। उसने अस्थि रोग विभाग में भेजा। दो घंटे तक वह यहां से वहां भटकती रही, लेकिन उसे इंजेक्शन नहीं लग पाया। किसी ने इस महिला को बहार फाउंडेशन के डॉ. अशोक उरकुडे का नाम व पता दिया। मेयो अस्पताल से यह महिला बहार कार्यालय पहुंची। यह संस्था सिकलसेल ग्रस्तों के उपचार में मदद करती है। संस्था में पहुंचने के बाद उसे इंजेक्शन मिला। इस तरह सरकारी अस्पतालों में सिकलसेल मरीजों को परेशान किया जाता है।


Created On :   14 July 2023 7:28 PM IST

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