दुर्घटनाएं रोकें - दाभा, गोरेवाड़ा रिंग रोड पर आवागमन खतरों से भरा

दुर्घटनाएं रोकें - दाभा, गोरेवाड़ा रिंग रोड पर आवागमन खतरों से भरा
  • नासुप्र, वर्ल्ड बैंक और पीडब्ल्यूडी को भी प्रतिवादी बनाने का आदेश
  • अदालत ने लिया संज्ञान
  • चार साल में 247 दुर्घटनाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. दाभा, गोरेवाड़ा रिंग रोड पर होने वाली दुर्घटनाओं को राेकने की उपाय योजना को लेकर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने नासुप्र को याचिका में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया। इस रिंग रोड को वर्ल्ड बैंक, पीडब्ल्यूडी (प्रकल्प ) विभाग ने निर्माणकार्य किया है, ऐसे में रास्ते की देखभाल करने की जिम्मेदारी बनती है। इसके बाद न्यायमूर्ति अतुल चांदूरकर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने पूरे मामले को सुनने के बाद नासुप्र, वर्ल्ड बैंक और पीडब्ल्यूडी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 27 सितंबर को होगी।

तत्काल समाधान की मांग : इस संबंध में दायर जनहित याचिका में बताया गया है कि लगातार होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दाभा, गोरेवाड़ा रिंग रोड पर स्थायी उपाय योजना करने की मांग को लेकर एड. संदीप बदाना ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने दो सूचना अधिकारों का उल्लेख करते हुए संबधित विभागाें को आवेदन करने की जानकारी भी दी है।

इस जानकारी के मुताबिक, गिट्टीखदान क्षेत्र अंतर्गत रिंग रोड पर पिछले चार साल में 247 दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 42 नागरिकांे की मौत होने के साथ ही 67 नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। नासुप्र की ओर से आरटीआई में बताया गया है कि गिट्टीखदान क्षेत्र के दाभा, गोरेवाड़ा परिसर में साल 2017 से 2022 तक 374 रिहायशी स्कीम्स वाली इमारतों का निर्माण हुआ है। इतना ही नहीं, परिसर में तीन बड़ी स्कूलें भी है। ऐसे में दाभा, गोरेवाड़ा रिंग रोड से बड़े पैमाने पर विद्यार्थी आवागमन करते है। ऐसे में रिंग रोड पर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए स्पीड ब्रेकर लगाने की तत्काल आवश्यकता है। रिंग रोड पर द्विभाजक होने से अक्सर वाहन चालक रांग साइड से आवागमन करते हैं। रिंग रोड पर स्पीड ब्रेकर लगाने से दोपहिया, चारपहिया समेत अन्य वाहनों की गति कम होने से दुर्घटना में कमी आएगी। याचिकाकर्ता ने न्यायालय में बताया कि स्पीड ब्रेकर की मांग को लेकर यातायात विभाग के पुलिस उपायुक्त और पीडब्ल्यूडी को निवेदन देने के बाद भी कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में अपनी मांग के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाना पड़ा है।

Created On :   8 Sept 2023 3:58 PM IST

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