वाट्सएप पर सम्मन मान्य नहीं, मेंटेनेंस का आदेश खारिज

वाट्सएप पर सम्मन मान्य नहीं, मेंटेनेंस का आदेश खारिज
  • बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ
  • वाट्सएप पर सम्मन मान्य नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सीआरपीसी धारा 125 के तहत मेंटेनेंस के एक मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने यवतमाल के पारिवारिक न्यायालय द्वारा जारी मेंटेनेंस के आदेश को खारिज करते हुए पति की अर्जी पर दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है। पत्नी द्वारा यवतमाल पारिवारिक न्यायालय में मेंटेनेंस की अर्जी दायर की गई थी। इस पर पत्नी ने दावा किया था कि पति को वाट्सएप पर सम्मन भेजने के बाद भी उसने कोई जवाब दायर नहीं किया। ऐसे में पारिवारिक न्यायालय ने बगैर पति का पक्ष सुने उसे अपनी पत्नी और बच्ची को कुल 15 हजार रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस देने का आदेश दिया था। मामले में याचिकाकर्ता पति की ओर से एड. अमोल हुंगे ने पक्ष रखा।

यह है मामला : बुलढाणा निवासी पति-पत्नी का विवाह के बाद बनी नहीं, तो वे अलग हो गए। पत्नी ने अपने और अपनी बच्ची के मेंटेनेंस के लिए यवतमाल के पारिवारिक न्यायालय में अर्जी दायर की। पत्नी के अनुसार इस अर्जी में पहले तो न्यायालय ने पति के नाम पर सम्मन निकाला। इस समन पर कोई जवाब नहीं आया, तो पत्नी ने न्यायालय से पति को वाट्सएप पर सम्मन भेजने की अनुमति मांगी। न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद पत्नी ने पति के वाट्सएप पर सम्मन और शिकायत की प्रति भेजी। जबकि पति का दावा है कि उसे ऐसा कोई सम्मन मिला ही नहीं, इसलिए उसने हाई कोर्ट की शरण ली।

Created On :   14 Aug 2023 6:41 PM IST

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