सही मायने में अध्यापक हैं युग निर्माता - जयस्वाल

सही मायने में अध्यापक हैं युग निर्माता - जयस्वाल
गायत्री शक्तीपीठ ने किया आदर्श शिक्षकों का सत्कार

डिजिटल डेस्क, काटोल. पढ़ाई के साथ ही छात्रों का शारीरिक, मानसिक व भौतिक सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वांगीण विकास की दिशा में शिक्षकों की भूमिका अहम होती है। सही मायने में शिक्षक एक युग निर्माता होने का विचार कृष्णमनोहर जयस्वाल ने रखा। शनिवार को काटोल के धंतोली स्थित गणेश मंदिर प्रांगण में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार, गायत्री शक्तिपीठ की ओर से आदर्श शिक्षकों का सत्कार समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में पूर्व प्राचार्य शरद अग्रवाल, शांतिकुंज, हरिद्वार के पंडित शोमदेव पट्या, महाराष्ट्र के संयोजक शंकर भावरकर, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, काटोल तहसील अध्यक्ष कमलकांत तिवारी, मुकेश दुबे, जिला संयोजक जयश्री काले, वासुदेव चंदनखेड़े, प्रणय शेगांवकर, तृप्ति तिवारी, भारती तिवारी आदि उपस्थित थे। पंडित सोमदेव पट्या ने बताया कि, अखिल विश्व गायत्री परिवार हरिद्वार द्वारा देश में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमें शिक्षकों की भूमिका अहम होती है। अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति का गौरव बोध कराया जाता है।

अध्यापक, विद्यार्थी के जीवन जीने की कला को आत्मसात कराता हैं, इसलिए सम्मान का हकदार है। पंडित सोमदेव पट्या, कृष्णमनोहर जयस्वाल, शरद अग्रवाल के हाथों आदर्श शिक्षक राधा चौहान, नयना दूधकवले, त्रिशला सलामे, मुकेश दुबे, राजेंद्र मिश्रा, राजाराम खामकर, हरीश राठी, अमोल काले, संजय ढोले, कृपाली सावंत, स्मिता नासरे, ज्ञानेश्वर मस्के, पल्लवी गोहाड़, माधुरी खोड़े आदि का शाल,श्रीफल व स्मृतिचिह्न प्रदान कर सत्कार किया गया। संचालन मुकेश दुबे ने एवं आभार कमलकांत तिवारी ने माना।

Created On :   10 Sept 2023 6:05 PM IST

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