कोर्ट कचहरी: नायलॉन मांजा ठिकाने लगाने वाली एजेंसी पर उठे सवाल

नायलॉन मांजा ठिकाने लगाने वाली एजेंसी पर उठे सवाल
सु-मोटो जनहित याचिका दायर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पतंग उड़ाते समय इस्तेमाल किए जाने वाला नायलॉन मांजा (सिंथेटिक), कृत्रिम अथवा बारीक कांच से तैयार किए गए मांजे का इस्तेमाल, उत्पादन, बिक्री, भंडारण पर राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग ने स्पष्ट तौर पर बंदी लगाई है। इसलिए जब्त नायलॉन मांजा को ठिकाने लगाने के लिए मनपा ने कामठी के यूनिक ट्रेडर्स को काम दिया था। इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में हुई सुनवाई में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस एजेंसी को अकार्यक्षम बताते हुए सवाल उठाया था। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने एक रिपोर्ट पेश करके यूनिक ट्रेडर्स नायलॉन मांजा के वैज्ञानिक तरीके से निपटाने में अप्रभावी होने पर भी जाेर दिया।

अप्रभावी होने का संदेह जताया था : नागपुर खंडपीठ ने नायलॉन मांजा प्रकरण में सु-मोटो जनहित याचिका दायर की है। मामले पर मंगलवार को न्या. अतुल चांदूरकर और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। इस समय जब्त नायलॉन मांजा को कैसे ठिकाने लगाया जाएगा, इस मुद्दे पर फिर से बहस हुई। पिछली सुनवाई में ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने चंद्रपुर के एल एंड टी कंपनी को यह काम देने की मनपा को सूचना की थी। फिर भी मनपा ने कामठी के यूनिक ट्रेडर्स को यह काम दिया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने यूनिक ट्रेडर्स नायलॉन मांजा के वैज्ञानिक तरीके से निपटान में अप्रभावी होने का संदेह जताया था। इस पर मनपा ने मंडल को एजेंसी का दौरा करने यह बात सुनिश्चित करने की सूचना की थी। कोर्ट ने भी मंडल को वैसे आदेश दिए थे। आदेश के अनुसार मंडल ने एजेंसी का दौरा किया और मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट में एजेंसी अकार्यक्षम होने की बात बताई। मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट और प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से एड. सन्याल ने पैरवी की।

नई एजेंसी खोजें : हाई कोर्ट : जब्त नायलॉन मांजा को ठिकाने लगाने के लिए चंद्रपुर भेजना मुक्शिल होगा, यह बात मनपा ने हाई कोर्ट को बताई। यह बात ध्यान में लेकर कोर्ट ने आसपास के क्षेत्र में यह सुविधा उपलब्ध कराने वाली कोई नई एजेंसी है क्या? इसकी तलाश करने के मनपा को आदेश िदए।

Created On :   4 Oct 2023 12:29 PM IST

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