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एलआईसी को देना होगा 9% ब्याज के साथ 12.50 लाख रुपए मुआवजा
- राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने दिए आदेश
- पीड़ित महिला ने लगाई थी न्याय की गुहार
डिजिटल डेस्क, नागपुर । राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) को आदेश दिया है कि वे चंद्रपुर शिकायतकर्ता भावना कोंबे को 12.50 लाख रुपए मुआवजा और एक्सिडेंट बेनिफिट के 12.50 लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करे। साथ ही शिकायतकर्ता को हुई मानसिक व शारीरिक परेशानी के लिए 35 हजार रुपए मुआवजा भी प्रदान करे।
रसीद नहीं ले पाए थे
दरअसल शिकायतकर्ता के पति ने 17 फरवरी 2012 को एलआईसी पॉलिसी ली थी, जिसमें पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर 12.50 लाख रुपए परिवार को देने का दावा किया गया था। पॉलिसी लेने के बाद 30 जनवरी 2013 को उनके पति पॉलिसी का प्रीमियम भरने के लिए प्रीमियम कलेक्शन केंद्र गए, तो वहां इंटरनेट ठप होने के बाद उन्हें कुछ समय तक इंतजार करने को कहा गया। उनके पति घर लौटे आए। कुछ मिनट बाद वे दोबारा केंद्र पर गए और प्रीमियम भर दिया। वे घर लौट रहे थे, तब रास्ते में उनका एक्सिडेंट हो गया, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। इधर, पति ने जो प्रीमियम भरा था, किसी कारणवश उसी समय वे उसकी रसीद नहीं ले पाए। यह रसीद शाम 6.15 मिनट पर जनरेट हुई।
एलआईसी ने संज्ञान नहीं लिया
शिकायतकर्ता ने 12.50 लाख रुपए के मुआवजे के लिए एलआईसी में अर्जी दायर की, लेकिन आरोप है कि एलआईसी ने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया। ऐसे में शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता आयोग की शरण ली, जहां अपने बचाव में एलआईसी ने दलील दी कि उनके पति का निधन दोपहर 3.30 बजे के करीब हुआ, जबकि प्रीमियम का भुगतान शाम 6.15 मिनट पर हुआ। इसलिए पाॅलिसी एक्सपायर हो चुकी थी, लेकिन मामले में सभी पक्षों को सुनकर आयोग ने एलआईसी को सेवा में त्रुटि का दोषी माना और उक्त फैसला सुनाया।
Created On :   1 Jun 2023 11:59 AM IST