विशेष: नागपुर में साकार होने जा रहा है राज्य का पहला 1857 स्वतंत्रता संग्राम स्मारक

नागपुर में साकार होने जा रहा है राज्य का पहला 1857 स्वतंत्रता संग्राम स्मारक
  • गांधीबाग उद्यान में एक भव्य लाल किले की स्थायी प्रतिकृति
  • लाल किले की प्रतिकृति पर साकार हो रहे इस स्मारक का 80 फीसदी काम हो चुका
  • विशाल खुला रंगमंच भी बनाया

चंद्रकांत चावरे , नागपुर । उपराजधानी में राज्य का पहला 1857 स्वतंत्रता संग्राम स्मारक साकार होने जा रहा है। लाल किले की प्रतिकृति पर साकार हो रहे इस स्मारक का 80 फीसदी काम हो चुका है। आने वाले 15 अगस्त तक यह स्मारक आम जनों के लिए शुरू हो जाएगा।

80 फीसदी काम पूरा : शहर के मध्य में स्थित सबसे बड़े गांधीबाग उद्यान में एक भव्य लाल किले की स्थायी प्रतिकृति तैयार हो चुकी है। इस पर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली वीर-महापुरुषों को उकेरा जा रहा है। पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी की संकल्पना से साकार हो रहे इस स्मारक के पहले चरण का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 20 फीसदी काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण में यहां लाइट व साउंड शो का काम किया जाएगा, जिसके माध्यम से गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी जाएगी।

2007 में मनपा ने रखा था प्रस्ताव : साल 2007 में 1857 स्वतंत्रता संग्राम को 150 साल पूरे होने पर मनपा में यह प्रस्ताव रख गया था। उस समय स्थायी समिति सदस्य के रूप में दयाशंकर तिवारी थे। प्रस्ताव को मान्य करते हुए सदन में 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया। महंगाई और लंबा समय बीतने के कारण इसके लिए 2.50 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया।

750 अासन क्षमता का खुला रंगमंच : यहां एक विशाल खुला रंगमंच बनाया गया है, जहां 750 लोगों की बैठने की व्यवस्था है। आसन व्यवस्था के सामने रंगमंच के साथ ही 13 हजार वर्ग फीट पर लाल किले की प्रतिकृति बनाई गई है। इसकी लंबाई करीब 80 फीट और उंचाई करीब 50 फीट है। आर्किटेक्ट प्रियदर्शन नागपुरकर की निगरानी में ठेकेदार सुनील शर्मा व उनकी टीम इसका निर्माण कर रहे हैं। नागपुर के सावनेर के समीप की खदानों के सैंड स्टाेन पत्थर का उपयोग किया गया है। लाइट व साउंड शो के लिए अनुमानित 7.50 करोड़ रुपए के खर्च का अाकलन है। यह राशि राज्य सरकार से मांगी जाएगी। इसमें पांच साल के लिए रखरखाव का ठेका शामिल होगा।

उद्देश्य...भाईचारे को बढ़ावा मिले, हर वर्ग के लोग आते हैं इस उद्यान में

1857 स्वतंत्रता संग्राम स्मारक का निर्माण गांधीबाग उद्यान में करने के पीछे खास वजह यह है कि यह एकमात्र ऐसा उद्यान है, जहां सुबह-सुबह बड़ी संख्या में हर वर्ग-समुदाय के लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं। 1857 का संग्राम जाति, धर्म, संप्रदाय आदि भेद को भूलाकर सभी ने एक होकर किया गया था। उस समय हिंदुओं ने मिलकर बहादुरशाह जफर को सम्राट बनाने का निर्णय लिया था। वर्तमान परस्थिति को देखते हुए उसी एकता की आवश्यकता है। हम सब मिलकर भाईचारे को बढ़ावा देकर उसे निभा सकें, यह भाव हर मन में होना चाहिए। यही संदेश गांधीबाग उद्यान में बने स्मारक के माध्यम से हर दिल तक पहुंचाया जाना चाहिए। -दयाशंकर तिवारी, पूर्व महापौर नागपुर

वीर-महापुरुषों के म्यूरल व जानकारी : लाल किले की प्रतिकृति से सटकर ही 1857 के कुछ वीर-महापुरुषाें के म्यूरल लगाए जा रहे हैं। इसमें बहादुरशाह जफर का दरबार, रंगो बापु, महाराजा कुंवर सिंह, मंगल पांडे, अजीजन बाई, अवंतिबाई लाेधी, बेगम हजरत महल, नानासाहेब पेशवा, झांसी की रानी, तात्या टोपे, नानासाहेब पेशवा आदि के म्यूरल शामिल हैं। इसके अलावा 1857 के संग्राम की कुछ यादगार तस्वीरों को म्यूरल के रूप में तैयार कर लगाया गया है।

Created On :   27 Jan 2024 5:12 AM GMT

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