तैयारी: शिक्षा नीति , इस बार एक स्कूल के विद्यार्थी अनेक केंद्रों पर देंगे परीक्षा

शिक्षा नीति , इस बार एक स्कूल के विद्यार्थी अनेक केंद्रों पर देंगे परीक्षा
  • 12वीं की प्रात्याक्षिक परीक्षा की शुरुआत कल से
  • 21 फरवरी से 19 मार्च तक होगी लिखित परीक्षा
  • 1 से 29 मार्च तक होगी दसवीं की लिखित परीक्षा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दसवीं, बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अपनी बौद्धिक क्षमता सिद्ध करने का समय करीब आ गया है। इस बार एक स्कूल के विद्यार्थी किसी एक केंद्र पर परीक्षा नहीं देंगे। शिक्षा मंडल ने इस बार एक स्कूल के विद्यार्थियों को विविध परीक्षा केंद्रों पर विभाजित किया है। 21 फरवरी से 19 मार्च तक बारहवीं की लिखित परीक्षा होगी। प्रात्याक्षिक परीक्षा की 2 फरवरी से शुरुआत की जाएगी। दसवीं कक्षा की लिखित परीक्षा 1 से 29 मार्च तक ली जाएगी। प्रात्याक्षिक परीक्षा 10 से 29 फरवरी तक होगी।

आधा घंटा पहले उपस्थिति अनिवार्य : परीक्षा केंद्र पर विद्यार्थी को निर्धारित समय से आधा घंटा पहले उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। विलंब से आनेवाले विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रवेश पत्र दिखाने पर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा।

अंत में 10 मिनट अतिरिक्त : परीक्षा दौरान प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए परीक्षा का समय शुरू होने से 10 मिनट पहले प्रश्न-पत्र दिए जाते थे। इस बार अंत में 10 मिनट अतिरिक्त देने का परीक्षा मंडल ने निर्णय लिया है। प्रश्न-पत्र पहले देने पर बाहर ले जाकर नकल करने की शिकायतें मिलने पर उसे रोक लगाने के लिए अब अंत में 10 मिनट अतिरिक्त देने का निर्णय लिए जाने का परीक्षा मंडल ने स्पष्टीकरण दिया है।

उड़नदस्तों की रहेगी नजर

परीक्षा में नकल पर रोक लगाने उड़न दस्ते तैनात किए जाएंगे। परीक्षा दौरान किसी भी परीक्षा केंद्र पर उड़न दस्ते पहुंचकर नकल की जांच करेंगे।

परीक्षार्थी संख्या

दसवीं कक्षा : 1 लाख, 62 हजार 517

बारहवीं कक्षा : 1 लाख, 54 हजार 724

33 फीसदी विद्यार्थियों का आधार अपडेट नहीं : शिक्षा विभाग ने सभी विद्यार्थियों के आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य किया। यह जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रबंधन पर है। आधार कार्ड लिंक कराने में सरकारी स्कूलों की स्थिति समाधानकारक है। निजी शैक्षणिक संस्थानों का अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। 31 जनवरी तक यू-डायस प्रणाली पर 77 फीसदी विद्यार्थियों को आधार कार्ड लिंक हो पाए। 33 फीसदी विद्यार्थियों के आधार कार्ड लिंक नहीं होने की जानकारी सामने आई है। 16 हजार 924 विद्यार्थियों के आधार कार्ड स्कूल प्रबंधन को मिले ही नहीं। जिले में 8 लाख 26 हजार 1 विद्यार्थी हैं। उनमें से 6 लाख 40 हजार विद्यार्थियों के आधार कार्ड अपडेट हुए हैं। 1 लाख, 86 हजार 60 आधार कार्ड अपडेट हाेने बाकी है।

झोल के लिए टालमटोल : स्कूल का अस्तित्व बचाने के लिए फर्जी विद्यार्थी संख्या दिखाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए यू-डायस प्रणाली लाई गई। स्कूल में प्रवेश दिए गए विद्यार्थियों का यू-डायस प्रणाली में आधार नंबर अपलोड किया जाता है। यू-डायस प्रणाली में विद्यार्थी का अाधार नंबर एक स्कूल से अपलोड होने के बाद दूसरे स्कूल में अपलोड करने पर झोल पकड़ा जाता है। एक ही विद्यार्थी का एक से ज्यादा स्कूलों में प्रवेश दिखाकर झोल कर रहे स्कूल यू-डायस प्रणाली में विद्यार्थियों की जानकारी अपलोड करने के लिए टालमटोल कर रहे हैं।

अनुदान ऐंठने का हथकंडा : यू-डायस प्रणाली में विद्यार्थियों की जानकारी अपलोड करने से फर्जी विद्यार्थियों का भंडाफोड़ होने पर अनुदान से हाथ धोना पड़ सकता है। सरकार कि आंख में धेल झाेंककर अनुदान ऐंठने के लिए यू-डायस प्रणाली पर विद्यार्थियों की जानकारी अपलोड करने से बचने का हथकंडा अपनाए जाने की चौकानेवाली जानकारी सामने आई है।

Created On :   1 Feb 2024 10:24 AM GMT

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