मदद: 108 एंबुलेंस में हुई 1044 महिलाओं की जचकी , सकुशल अस्पताल पहुंचाया

108 एंबुलेंस में हुई 1044 महिलाओं की जचकी , सकुशल अस्पताल पहुंचाया
  • ग्रामीण क्षेत्रों में भी वरदान साबित हो रही सेवा
  • 9 साल में 4.66 लाख मरीजों को पहुंचाया अस्पताल
  • नि:शुल्क होने से आर्थिक रूप से कमजोर व मध्यम वर्ग के लिए वरदान

चंद्रकांत चावरे , नागपुर । आम जनों को आपातकाल में तत्काल चिकित्सा सेवा मिल सके, इसलिए राज्यभर में 108 क्रमांक की टोल फ्री एंबुलेंस सेवा दी जाती है। इस सेवा की पहचान महाराष्ट्र की जीवनदायी सेवा के रूप में है। यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क होने से आर्थिक रूप से कमजोर व मध्यम वर्ग के लिए वरदान बनी है। पिछले 9 सालों में 1044 महिलाओं की प्रसूति एंबुलेंस में हुई है, वहीं 131 मरीजों को वेंटिलेटर के साथ अस्पताल तक पहुंचाया गया है। 2014 में इसकी शुरुआत हुई थी। इस समय जिले में 40 एंबुलेंस सेवारत हैं। अब तक 4.66 लाख से अधिक मरीजों ने इस आपात सेवा का लाभ उठाया है।

तत्काल ऑन दी स्पॉट : 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत महाराष्ट्र आपातकालीन चिकित्सा सेवा प्रकल्प के रूप में टोल फ्री एंबुलेंस सेवा 108 शुरू की गई। जब भी इस क्रमांक पर कॉल किया जाता है, तो उस कॉल की पूरी जानकारी तुरंत निकाली जाती है। कॉल कहां से आया, इसकी जीपीएस की मदद से आसपास के अस्पतालाें की जानकारी लेकर वहां कॉल किया जाता है। वहां के स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर अस्पताल तक जो भी करीबी केंद्र हो, वहां तक मरीज को लेकर कम समय में कैसे पहुंच सकते हैं, इस पर लक्ष्य केंद्रित किया जाता है। यह सारी प्रक्रिया काफी तेज गति से की जाती है। एक घंटे के भीतर मरीज को चिकित्सा सेवा मिल सके, इस तरह काम किया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों को राहत : पहली बार मरीज को जहां ले जाया जाता है, वहां प्राथमिक उपचार होने के बाद यदि उसे बड़े अस्पताल पहुंचाने की जरूरत हो, तो फिर से सेवा दी जाती है। एंबुलेंस में सड़क दुर्घटना, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज, गर्भवती महिलाएं, नवजात की आपात स्थिति, संक्रामक बीमारियां, प्राकृतिक आपदा, सर्पदंश, हार्ट अटैक, विषबाधा, श्वसन रोग आदि आपात स्थितियों में एंबुलेंस सेवा मिलती है। यह नि:शुल्क सेवा होती है। स्वास्थ्य विभाग की मदद से ग्रामीण व आदिवासियों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जाती है।

लाइफ सपोर्ट सिस्टम : गर्भवती महिलाओं को अचानक होने वाली परेशानी में यह एंबुलेंस काफी मददगार है। ग्रामीण क्षेत्र में 108 टाेल फ्री क्रमांक पर जानकारी देने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर तहसील मुख्यालय व जिला मुख्यालय तक नि:शुल्क सेवा मिल जाती है। पिछले 9 सालों में 1044 महिलाओं की प्रसूति एंबुलेंस में हो चुकी है। 131 मरीजों को वेंटिलेटर के साथ अस्पतालों तक पहुंचाया गया है। नागपुर जिले की बात करें, तो यहां शहरी क्षेत्र में 11 और ग्रामीण क्षेत्र में 29 कुल 40 एंबुलेंस सेवारत हैं। इनमें से 9 एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। इनमेें से किसी में कोई खराबी आने पर 4 एंबुलेंस बैकअप के रूप में हमेशा तैयार रखी जाती हैं। शहर की बढ़ी आबादी और आवश्यकताओं को देखते हुए नई एंबुलेंस की मांग का प्रस्ताव भेजा गया है। इस साल 30 नई एंबुलेंस मिलने का अनुमान है। एंबुलेंस सेवा संचालन व व्यवस्थापन की जिम्मेदारी बीवीजी इंडिया लि. कंपनी को दी गई है।

Created On :   24 Feb 2024 11:51 AM GMT

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