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4 लाख का सागौन सहित ट्रक जब्त, चालक गिरफ्तार
- वाहनों में तस्करी
- चालक गिरफ्तार
- सागौन सहित ट्रक जब्त
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मालवाहक वाहन में सागौन लेकर जा रहे वाहन चालक को क्राइम ब्रांच पुलिस यूनिट-1 ने धरदबोचा। आरोपी शुभम देवराव पालेवार (24), वड़धामना, सुराबर्डी निवासी है। आरोपी से 4 लाख की सागौन की लकडियांे व ट्रक सहित करीब 10 लाख रुपए का माल जब्त किया गया है। आरोपी सागौन कहां लेकर जा रहा था, इस बारे में अब वनविभाग आरोपी से पूछताछ करेगा। आरोपी शुभम पालेवार को माल व वाहन सहित वनविभाग के हवाले कर दिया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि, शहर में सागौन तस्करी में कई कारोबारी लिप्त हैं।
पूछताछ में खुली पोल : शहर के वर्धमान नगर, कलमना, महलगांव, घाट रोड सहित अन्य कई जगहों पर आरामशीनों के कारखाने हैं। यह माल आरोपी बजाज नगर इलाके से लेकर वर्धा रोड की ओर जा रहा था। इस दौरान पुलिस के दस्ते ने उसे रोका, तो उसकी पोल खुल गई कि, वह अवैध तरीके से सागौन की लकड़ियां ले जा रहा था। पुलिस के अनुसार पुलिस का दस्ते बजाज नगर चौक में गश्त कर रहा था। गश्त के दौरान दस्ते को टाटा कंपनी का 407 ट्रक (एम.एच.-40-बी.एल.-3007) को संदिग्ध स्थिति में पाए जाने पर शुक्रवार-शनिवार की रात रोका गया।
दस्तावेज नहीं थे :पुलिस ने ट्रक की तलाशी ली, तो उसमें लकड़ियां लदी हुई थीं। पुलिस चालक से माल के बारे में पूछताछ की, तो उसने बताया कि, ट्रक में सागौन की लकड़ियां लदी हैं। पुलिस ने उससे दस्तावेज मांगे, तो उसके पास कोई दस्तावेज नहीं था और न ही वन विभाग की कोई अनुमति के दस्तावेज थे। आरोपी से जब पुलिस ने चालक से पूछा कि, वह यह माल कहां से ला रहा था और किसे पहुंचाने जा रहा था, तो उसने चुप्पी साध ली। पुलिस दस्ते को जांच में ट्रक में लदे 34 नग सागौन की लकड़ियां मिली हैं। इसकी कीमत करीब 4 लाख रुपए बताई गई है। आरोपी को माल व ट्रक सहित वनविभाग पुलिस के हवाले कर दिया गया है। वन विभाग के अधिकारी ने पंचनामा किया। आगे की जांच कार्रवाई शुरू है। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई।
लंबे समय के बाद कार्रवाई : सूत्रों के अनुसार शहर में सागौन लकडियों की बडी खेप पहली बार यूनिट 1 के दस्ते पकडा। शहर में यह काफी लंबे समय के बाद कार्रवाई हुई है। पुलिस की इस कार्रवाई से पता चल रहा है कि शहर में सागौन की लकडियां छोटे ट्रक में लादकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का काम हो रहा है। इसकी वन विभाग ने गहन छानबीन की तो सागौन तस्करी का बडा खुलासा हो सकता है। पूर्व नागपुर मे सागौन तस्करी में नरेश, दीपक, महेश, सुनील सहित कई लोग लिप्त बताए जाते हैं।
बिना टीपी के माल कहां से लाया : सूत्रों के अनुसार बजाजनगर इलाके में पकडी गई सागौन की 34 नग लकडियां बिना टीपी (ट्रांजिट पास) के शहर में कैसे पहुंच गई। आखिर वाहन चालक यह माल कहां से लेकर आ रहा था। उसके पास कोई टीपी नहीं होने के कारण कयास लगाया जा रहा है कि वह सागौन की तस्करी में लिप्त है। वह किसके लिए काम करता है। इसके बारे में वनविभाग की छानबीन शुरू हो गई है। जानकारों की मानें तो वन विभाग के अंतर्गत आनेवाले क्षेत्र में राउंड ऑफिसर (आर ओ) की जिम्मेदारी बनती है कि उसके इलाके में अवैध तरीके से सागौन की आवाजाही न हो , अगर होती है तो इसके लिए उसे जिम्मेदार माना जा सकता है। नियम के अनुसार सागौन का ट्रांजिट पास होता है। कोई भी डिपो से भेजा गया सागौन गोल आकार का होता है, जबकि अवैध तरीके से भेजा गया सागौन को कुल्हाडी से काटकर भेजा जाता है। राज्य का बार्डर पास करने के बाद डीपी जमा हो जाती है और दूसरे राज्य की डीपी दी जाती है। सागौन घनमीटर या नग में भेजा जाता है। कटाई के बाद सागौन पर हेमर लगाया जाता है, जिसे शासन की अनुमति माना जाता है। कई बार तस्कर दिखावे के लिए खुद का माल पकडवाते हैं, ताकि पूरी तरह से पुलिस का उन पर ध्यान न रहे।
पिकअप वाहनों में तस्करी : सूत्रों के अनुसार सागौन की तस्करी बालाघाट और खवासा के जंगलों से होती है। सागौन की लकडियां सब्जियां लेकर आनेवाले पिकअप वाहनों से तस्करी की जाती है। पिकअप वाहन में पहले सब्जियां लादी जाती है। इसके बाद वाहन चालक उस जगह पर सब्जियां खाली करके उसके अंदर पहले सागौन की लकडियां नीचे बिछा देता है। इसके बाद उस पर सब्जियां लादकर कापसी , महलगांव में लेकर आता है। फिर उसी तरीके से सब्जियां उतारकर सागौन निकालकर वापस सब्जियां लादकर कलमना मंडी में पहुंचाई जाती हैं। रात करीब 2 से 3 बजे के दौरान सागौन की तस्करी में लिप्त लोग माल मंगवाते हैं।
Created On :   16 July 2023 8:33 PM IST