विदर्भ में उथल पुथल : नए नेताओं पर अजित का प्रभाव, पुराने नेता शरद पवार के साथ

विदर्भ में उथल पुथल : नए नेताओं पर अजित का प्रभाव, पुराने नेता शरद पवार के साथ
  • नए नेताओं पर अजित पवार का प्रभाव
  • विदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 6 विधायक
  • 2 विधायक अजित पवार के साथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर, योगेश चिवंडे| विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता अजित पवार ने रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 40 विधायकों के साथ वे शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए, जिसके बाद राज्य की राजनीति में एक साल पुराना घटनाक्रम घूमते देखा गया। शिवसेना की तर्ज पर राष्ट्रवादी कांग्रेस में बड़ी दरार से इसके दूरगामी परिणामों पर चर्चा शुरू हो गई है। दोनों में फूट की समानता रही। दोनों में एक बड़ा धड़ा टूटकर अलग हुआ। हालांकि विदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस में हलचलें देखी जा रही हैं। पार्टी में पुराने समय और सीधे शरद पवार से जुड़े रहे नेताओं ने शरद पवार के साथ जुड़े होने का दावा किया।


समर्थन में पोस्ट

खासकर नए नेताओं पर अजित पवार का प्रभाव बताया जा रहा है। उनके साथ जाने की संभावना जताई जा रही है। राज्य महिला आयोग की सदस्य आभा पांडे अजित पवार की करीबी मानी जाती हैं। राष्ट्रवादी में पांडे को लाने का श्रेय भी अजित को दिया जाता है। सुबह उन्हें जैसे ही इसकी सूचना मिली, वे मुंबई के लिए रवाना हो गईं। प्रशांत पवार ने अजित पवार के सरकार में शामिल होते ही सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में पोस्ट करने शुरू कर दिए थे। शहर के कुछ बड़े पदाधिकारी और विदर्भ में ज्यादातर जिलाध्यक्षों के भी सरकार के साथ जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। कुछ ने बैठकें भी की हैं। छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटील के समर्थक नेता पहली कतार में हैं। कई मुंबई भी पहुंच गए हैं। इस बीच शहर में अनेक नेताओं को अजित गुट की ओर से फोन कर उन्हें टटोला भी गया है। सभी के मूड को भांपा जा रहा है। पिछली बार शरद पवार द्वारा पद से इस्तीफा देने के बाद ये नेता पार्टी में कभी न कभी बदलाव आने की बात करते रहे हैं।

विदर्भ में राकांपा के 6 विधायक


विदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 6 विधायक हैं। इसमें 2 विधायक अजित पवार के साथ गए। धर्मरावबाबा आत्राम और इंद्रनिल नाईक। धर्मरावबाबा अहेरी से, जबकि इंद्रनिल नाईक पुसद से विधायक हैं। धर्मरावबाबा ने मंत्री पद की शपथ भी ले ली। इनका गड़चिरोली में अपना दबदबा है, जबकि मनोहर नाईक का पुसद में नाम रहा है, जिसकी वजह से इंद्रनिल विधानसभा पहुंचे हैं। अन्य 4 विधायकों में काटोल से अनिल देशमुख, तुमसर से राजेंद्र कारेमोरे, अर्जुनी मोरगांव से मनोहर चंद्रिकापुरे, सिंदखेड़ राजा से राजेंद्र शिंगणे। अनिल देशमुख की काटोल-नरखेड़ में मजबूत पकड़ है। संकटकाल में भी वे भाजपा के साथ नहीं गए। राजेंद्र शिंगणे 2019 में अजित पवार के साथ सुबह-सुबह हुई शपथविधि में शामिल हुए थे, लेकिन कुछ देर बाद वे वापस शरद पवार के पास लौट आए थे। अब उनके अजित पवार के साथ जाने की संभावना कम जताई जा रही है।

‘मैं शरद पवार के साथ’


अनिल देशमुख ने रविवार को अजित पवार द्वारा उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने के तुरंद बाद ट्विट कर खुद को शरद पवार के साथ बताया औरमुंबई पहुंचकर शरद पवार से मुलाकात की। दिनभर उनके साथ रहे। इसके अलावा विदर्भ के अन्य बड़े नेताओं ने भी शरद पवार के साथ होने का दावा किया है। अपना समर्थन जताने के लिए ‘मैं शरद पवार के साथ’ हैशटैग वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालते रहे। पूर्व विधायक रमेशचंद्र बंग, प्रकाश गजभिये, वेदप्रकाश आर्य जैसे अनेक नेता सीधे तौर पर शरद पवार से जुड़े बताए जा रहे हैं। उन्होंने भी शरद पवार के साथ होने की पुष्टि की है। विदर्भ में पुराने और ज्यादातर नेता शरद पवार से शुरू से जुड़े हैं। नई पीढ़ी जरूर अजित पवार से प्रभावित है। ऐसे में अजित पवार फैक्टर यहां कितना प्रभावी काम करेगा, इसपर सबकी नजरें है।


रद्द हुआ था सत्कार कार्यक्रम

प्रफुल पटेल के राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर 29 जून को नागपुर में उनका सत्कार होना था। कार्यक्रम में अजित पवार को आना था। इसके लिए शहर व ग्रामीण राकांपा ने बड़े स्तर पर तैयारी की थी, किन्तु अचानक एक दिन पहले कार्यक्रम रद्द होने की घोषणा कर दी गई। बताया गया कि उसी समय कुछ लोगों को इसके संकेत मिल गए थे। हालांकि किसी ने इसकी चर्चा नहीं की, लेकिन हलचलें तेज थीं।







Created On :   3 July 2023 6:20 PM IST

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