जलजीवन मिशन : जलस्रोतों की रासायनिक व जैविक जांच रिपोर्ट दो माह बाद आएगी

जलजीवन मिशन : जलस्रोतों की रासायनिक व जैविक जांच रिपोर्ट दो माह बाद आएगी
30 जून तक नमूने संकलित किए जाएंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार के जलजीवन मिशन अंतर्गत साल 2024 तक हर नागरिक को शुद्ध, शाश्वत और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने जिले के संपूर्ण जलस्रोतों के नमूनों की रासायनिक व जैविक जांच की जाएगी। नमूनों की संकलन प्रक्रिया शुरू हो गई है। 30 जून तक नमूने संकलित किए जाएंगे। उसे भूजल सर्वेक्षण विकास यंत्रणा की प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा जाएगा। नमूने भेजने के बाद जांच डेढ़ से दो माह में रिपोर्ट मिलने की सूत्रों ने जानकारी दी है। जांच में ही पता चलेगा पानी पीने योग्य है या नहीं।

जैविक जांच : पानी के नमूनों की जैविक जांच में संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु का परीक्षण किया जाता है। दूषित नमूने पाए जाने पर संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित उपाययोजना की जाती है।

रासायनिक जांच : पानी में घुले रासायनिक घटकों का विश्लेषण करने रासायनिक जांच की जाती है। फ्लोराइड, क्लोराइड, नाइट्रेट, मैंगनीज, सल्फेट, कैल्शियम, सेलेनियम, आर्सेनिक, शीसा, साइनाइड, जस्ता, क्रोमियम, पॉलिन्यूक्लियर, एरोमैटिक, हाइड्रोकार्बन, एल्यूमिनियम आदि घातक रासायनिक घटकों का परीक्षण किया जाता है।

दूषित जलस्रोत बंद किए जाएंगे : रासायनिक जांच में दूषित पाए जाने वाले जलस्रोतों के पानी का मानवीय उपयोग बंद किया जाएगा। उसकी जगह नए जलस्रोत खोजकर पानी उपलब्ध कराने की दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे।

Created On :   25 Jun 2023 7:39 AM GMT

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