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विजया धोटे को हाई कोर्ट से झटका, प्लॉट के मालिकाना अधिकार का मामला
- प्लॉट के मालिकाना अधिकार का मामला
- हाई कोर्ट से झटका
- पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग
डिजिटल डेस्क, नागपुर. प्लॉट के मालिकाना अधिकार को लेकर जारी विवाद में सिविल कोर्ट में मामला विचाराधीन है। ऐसे में इसी से जुड़े मामले में आपराधिक मामला दर्ज नहीं होने का आदेश हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने यवतमाल के सरकारी ठेकेदार सुमित बाजोरिया की याचिका पर दिया है। न्यायालय के आदेश से पूर्व सांसद जांबुवंतराव धोटे की पत्नी विजया धोटे को करारा झटका लगा है।
पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग
वर्ष 2018 में जमीन बिक्री के व्यवहार में धोखाधड़ी का मामला विजया धोटे ने प्रभाकर टकले के माध्यम से अवधूतवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया था। इस मामले में सुमित बाजोरिया और मनीष पालडिवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। शिकायत में बताया गया था कि जमीन का प्रवर्ग बदल करने के लिए साल 2003 में सुमित बाजोरिया को पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी। इसका दुरुपयोग करते हुए सुमित बाजोरिया ने कृषि जमीन को मनीष पालडिवाल को साल 2011 में बेच दी थी। इस जमीन से वर्धा-नांदेड़ रेल लाइन और वड़गांव राष्ट्रीय महामार्ग के लिए भूसंपादन होने से मनीष पालडिवाल को बड़े पैमाने पर मुआवजा मिला था। ऐसे में प्रभाकर टकले और धोटे परिवार ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए साल 2018 में न्यायालय में दिवानी दावा दायर किया था। अगस्त 2021 में मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले को रद्द कराने के लिए सुमित बाजोरिया ने उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी।
रद्द करने का आदेश
हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति विनय जोशी और वाल्मिकी मेजेस की खंडपीठ ने मामले में दिवानी न्यायालय में मामला विचाराधीन होने पर फौजदारी अपराध नहीं होने का आदेश दिया है। न्यायालय ने उक्त मामले को रद्द करने का आदेश भी दिया है। न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से अधि. श्रीरंग भांडारकर और गणेश मते ने पैरवी की।
Created On :   9 Sept 2023 6:17 PM IST