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जिप उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने कहा- किसी को बख्शा नहीं जाएगा
- 3 हजार कर्मचारियों को सख्त चेतावनी
- किसी को बख्शा नहीं जाएगा
- मुख्यालय पर नहीं रहते, कामकाज होता है प्रभावित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद ग्रामीण क्षेत्र के विकास का केंद्र माना जाता है। जिला परिषद पर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की जिम्मेदारी होती है। उसे धरातल पर अमल करने विविध कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। कर्मचारी गांव में काम करते हैं, लेकिन कार्यस्थल पर रहना पसंद नहीं करते। जिप उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने सख्त कदम उठाने से मुख्यालय में नहीं रहने वाले करीब 3 हजार कर्मचारियों की अब खैर नहीं। उन्होंने किसी भी समय गांव में पहुंचकर पड़ताल करने के संकेत देकर कार्यस्थल पर नदारद कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
स्वास्थ्य विभाग पर फोकस : कुंदा राऊत उपाध्यक्ष तथा स्वास्थ्य समिति सभापति हैं। ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की लापरवाही पर उनका फाेकस है। हाल ही में समिति की बैठक में उन्होंने मुख्यालय से नदारद रहने वाले कर्मचारियों पर निशाना साधा। दो महीने पहले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने की ताकीद दी गई। उसके बावजूद अनेक कर्मचारी अपनी आदत से बाज नहीं आने पर उन्होंने आड़े हाथ लिया।
अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश : राऊत ने बरसात के मौसम में जलजन्य और कीटजन्य बीमारियों पर नियंत्रण रखने अधिकारी, कर्मचारियों से अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त स्वास्थ्य अधिकारी से सप्ताह में दो दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा उपकेंद्रों का औचक दौरा करने, एंबुलेंस दुरुस्ती के लिए भेजने पर तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के टीकाकरण वाहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उपलब्ध कराने की सूचना दी। स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त औषधि का स्टॉक रखने के भी निर्देश दिए हैं।
आपात स्थिति के लिए तैयार रहें : ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी आपात स्थिति आने पर उससे निपटने के लिए जिप के सभी कर्मचारियों से समन्वय बनाकर काम करने का आह्वान किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर जिप शिक्षक, ग्रामसेवकों से सहयोग लेने के लिए भी कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत जिला परिषद के अधिनस्थ ग्रामसेवक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर, परिचारिका, स्वास्थ्य कर्मचारी, जिप शिक्षकों को मुख्यालय में रहना अनिवार्य है। उन्हें वेतन के साथ गृह किराया दिया जाता है। उसके बावजूद कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहते। नौकरी स्थल के आसपास के शहरों में रहकर आवागमन करने वाले कर्मचारियों की संख्या 3 हजार से ज्यादा बताई जाती है।
Created On :   15 July 2023 3:11 PM IST