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जाति प्रमाणपत्र जारी करने में देरी, कमेटी पर लगा 1 लाख का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अनुसूचित जाति के एक छात्र को जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रदान करने में देरी के लिए बांबे हाईकोर्ट ने जाति पड़ताल कमेटी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने जुर्माने की रकम ठाणे जिले की जाति पड़ताल कमेटी के तीन अधिकारियों से वसूलने का निर्देश दिया है।
जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने अनुसूचित जाति के छात्र नारायण खैरनार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। याचिका में खैरनार ने दावा किया था कि जाति वैधता प्रमाणपत्र समय से न मिलने के चलते उसे दाखिला लेने में देरी हुई है। याचिका में छात्रा ने कहा था कि कमेटी के अधिकारियों ने जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रदान करने में अनावश्यक रुप से अवरोध पैदा किए, जिसके चलते उसके हाईकोर्ट आने के लिए मजबूर होना पड़ा।
खैरनार ने याचिका में कहा था कि उसने अपनी मूल ठाकुर जाति की वैधता को लेकर कमेटी के पास आवेदन किया था। नियमानुसार जाति प्रमाणपत्र हासिल करने के बाद जाति वैधता प्रमाणपत्र लेना जरुरी होता है, जिसके आधार पर एडमिशन सुनिश्चित होता है। मामले से जुड़े तथ्यों पर सुनवाई करने के बाद बेंच ने कहा कि जाति प्रमाणपत्र की निष्क्रियता के चलते छात्र को काफी यातना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसे आवेदन करने के कई महीनों तक जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं जारी किया गया।
बेंच ने कमेटी से जुड़े अधिकारियों के इस रुख पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आरक्षित वर्ग के हर छात्र के लिए अदालत आ पाना संभव नहीं होता है। कमेटी इस बात का ध्यान रखे और नियमों के तहत काम करे। बेंच ने याचिकाकर्ता छात्रा को हुई परेशानी को देखते हुए कमेटी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया और जुर्माने की रकम तीन अधिकारियों से वसूल कर छात्र को देने का निर्देश दिया।
Created On :   5 July 2018 7:39 PM IST