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18 छात्रों का भविष्य निगल गया यश मेमोरियल स्कूल -परीक्षा के समय स्कूल में ताला

डिजिटल डेस्क चौरइ । नगर के यश मेमोरियल स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं की परीक्षा से वंचित हुए विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में है। सोमवार को स्कूल पहुंचे छात्र जब बिना परीक्षा दिए घर लौटे तो बच्चों के साथ माता पिता के आंखों की नींद भी उड़ गई। रात भर बच्चों की आंखों से आंसू बहते रहे। दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी बच्चे और पालक यहां वहां भटकते रहे लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली।
कृषि वैज्ञानिक बनने का सपना संजोकर 16 विद्यार्थियों ने चौरई के यश मेमोरियल स्कूल में कृषि संकाय में एडमिशन लिया। वार्षिक परीक्षा की बारी आई तो संचालक स्कूल में ताला लगाकर फरार हो गया। बच्चों ने आपबीती बताई तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए। उनके परिजन भी बच्चों को देखकर भावुक हो गए। मंगलवार को विद्यार्थी दिन भर इसी आस में बैठे रहे कि शिक्षा विभाग इस मामले में कुछ सकारात्मक निर्णय लेगा और वे परीक्षा में शामिल हो पाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इधर शिक्षा विभाग के अधिकारी इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते दिखे।
विद्यार्थियों की आंखों में आंसू,
- हमारा भविष्य खराब हो गया
मेरी दिलचस्पी कृषि संकाय में थी। गांव से स्कूल दूर होने के कारण मंैने चौरई में अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई की। तिमाही और छमाही परीक्षा भी हुई, लेकिन वार्षिक परीक्षा के दौरान स्कूल में ताला लटक गया। अब कोई भी जबाब नहीं दे रहा है।
- चेतना माहोरे, छात्रा
- हमसे स्कूल फीस और पंजीयन के नाम पर दस-दस हजार रूपए लिए गए थे। सालभर पढ़ाई के बाद परीक्षा देने के लिए पहुंचे तो स्कूल बंद नजर आया। बाद में पता चला कि स्कूल प्रबंधन ने हमारा पंजीयन ही नहीं कराया और फीस भी डकार ली।
- महिमा वर्मा, छात्रा
अभिभावकों को भविष्य की चिंता
- मंैने अपनी बेटी की पूरी फीस स्कूल प्रबंधन को दे दी थी। प्रबंधन की लापरवाही से मेरी बेटी का भविष्य खराब हो रहा है। मामला उजागर हुए 24 घंटे से बीते गए लेकिन उच्च अधिकारियों ने अब तक गंभीरता नहीं दिखाई। इस मामले में तत्काल निर्णय लेकर बच्चों की परीक्षा का इंतजाम होना चाहिए।
संतोष वर्मा पालक
- मेरी नातिन ने सालभर पढ़ाई पूरी लगने से पढ़ाई की थी। फीस भी समय पर दी लेकिन स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से बच्चों का एक साल बर्बाद हो गया। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर हर जगह गुहार लगाई कि बच्चों का एक साल बच जाए लेकिन कोई राहत नहीं मिली है।
श्रीमति दुर्गा, अभिभावक
इनका कहना है
यश मेमोरियल स्कूल के बच्चों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस थाने में की है। जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा गया हैं, उनके प्रतिवेदन और बच्चों के बयान के आधार पर मामला पंजीबद्ध किया जाएगा।
- मुकेश द्विवेदी, टीआई, चौरई
- स्कूल और प्राचार्य नितिन सिंह के निवास पर जांच करने पहुंचे थे लेकिन घर और स्कूल में ताला लगा हुआ था। प्राचार्य और प्रबंधक का मोबाइल भी बंद हो गया है जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी को प्रतिवेदन सौंपा जा रहा है।
- प्रदीप जैन, बीईओ चौरई
- बच्चों का भविष्य खराब न हो इनकी परीक्षा कराए जाने के लिए परीक्षा री-शेड्यूल कराया जाएगा। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई कर मान्यता रद्द की जाएगी।
- राजेश शाही, अपर कलेक्टर छिंदवाड़ा
मान्यता को लेकर असमंजस
स्कूल प्रबंधन से वास्तविक जानकारी नहीं मिलने के कारण स्कूल की मान्यता को लेकर असमंजस बना हुआ है। कहा जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन को कक्षा ग्यारहवीं शुरू करने के लिए अनुमति नहीं मिली थी। इसकी प्रक्रिया जारी थी, लेकिन इसके पहले ही कृषि संकाय में छात्र छात्राओं को प्रवेश दे दिया गया था। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की मान्यता शाखा के अनुसार मामला लोक शिक्षण संचालनालय में लंबित है।
गंभीरता से नहीं की गई जांच
हाल ही इसी स्कूल के कक्षा दसवीं में 45 विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म व फीस जमा नहीं किए जाने का मामला उजागर हुआ था। मुख्यमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप के बाद इन बच्चों को माध्यमिक शिक्षा मंडल से तत्काल राहत मिल गई थी। पालकों का कहना है कि यदि इस दौरान सही तरीके से जांच होती तो परीक्षा से पहले यह मामला उजागर हो जाता।
Created On :   18 March 2020 3:23 PM IST