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हेल्थकेयर, नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र में 20 हजार युवकों को मिलेगा प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के संकट में आवश्यक हेल्थकेयर, नर्सिंग और पैरामेडिकल जैसे क्षेत्रों में विभिन्न 36 पाठ्यक्रमों के जरिए अगले तीन महीने में 20 हजार प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री महास्वास्थ्य कौशल्य विकास कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वर्षा पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए सरकार कटिबद्ध है। स्वास्थ्यदायी और निरोगी महाराष्ट्र के लक्ष्य की ओर बढ़ने की दिशा में यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। इससे राज्य में बेरोजगारों युवक और युवतियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेगा।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस योजना के लिए 34 से 40 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। फिलहाल योजना के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। योजना के महत्व को ध्यान में रखते हुए विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में आवश्यक निधि का प्रावधान किया जाएगा।
प्रदेश के कौशल्य विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि राज्य में 20 हजार युवकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। कौशल्य विभाग ने विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत कुशल उम्मीदवारों को प्रमाणित करने के लिए आरपीएल कार्यक्रम घोषित किया है। इसके जरिए एक लाख कुशल उम्मीदवारों को प्रमाणित किया जाएगा।
प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए यह कार्यक्रम उपयुक्त साबित होगा।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी बढ़ी है। लेकिन इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से युवकों को रोजगार के मौके उपलब्ध हो सकेंगे। टोपे ने कहा कि प्रशिक्षण पाने वाले युवकों को निजी क्षेत्र में नौकरी मिल जाएगी लेकिन यदि सरकारी सेवा में शामिल करना होगा तो उसके लिए सेवा नियमों में संशोधन की जरूरत पड़ेगी।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि कोरोना को देखते हुए महाराष्ट्र के अलावा देश के किसी प्रदेश में इस तरह का कार्यक्रम शुरू नहीं किया गया है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इस अभियान को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।
ऑन जॉब ट्रेनिंग पद्धति से प्रशिक्षण
सभी के लिए स्वास्थ्य नीति को गति देने के लिए राज्य के कौशल्य विकास, रोजगार व उद्यमिता विभाग ने महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विकास सोसायटी के माध्यम से मुख्यमंत्री महास्वास्थ्य कौशल्य विकास कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है। यह अभियान स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चलाया जाएगा। पैरामेडिकल क्षेत्र में काम करने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के कौशल्य को विकसित करके रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए यह योजना तैयार की गई है। इसके लिए प्रदेश के 348 चिकित्सा महाविद्यालय व सरकारी अस्पतालों और उत्कृष्ट निजी अस्पतालों को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में पंजीकृत किया गया है। इन केंद्रों के माध्यम से युवकों को प्रशिक्षण सहित ऑन जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए सभी जिलों में 500 प्रशिक्षण केंद्र कार्यन्वित किया जाएगा। इन केंद्रों में 20 हजार उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में 5 हजार उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य में प्रशिक्षण का लाभ लेने वाले युवक और युवती कौशल्य विकास विभाग के पोर्टल https://www.mahaswayam.gov.in पर पंजीयन करा सकते हैं।
Created On :   8 July 2021 9:56 PM IST