20 बाघों की मौत, मौत के कारण से अनजान वन विभाग

20 tigers died, forest department unaware about deaths
20 बाघों की मौत, मौत के कारण से अनजान वन विभाग
20 बाघों की मौत, मौत के कारण से अनजान वन विभाग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र में बाघों की मौत का आंकड़ा वन विभाग ही नहीं वन्यजीव प्रेमियों को भी व्यथित करने वाला है। वर्ष 2018 में महाराष्ट्र में कुल 20 बाघों की मौत हुई थी। यह संख्या देश में मध्यप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा है। यहां तक कि वर्ष 2019 में भी अप्रैल माह तक राज्य में 7 बाघों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 से 2018 के बीच देश में कुल 656 बाघों की मौत हुई है। इनमें से मध्यप्रदेश में 148, महाराष्ट्र में 107, कर्नाटक में 100 और उतराखंड में 82 बाघ मारे गए हैं। 

अधिकांश मामलों में कारण स्पष्ट नहीं 
एनटीसीए के अनुसार, महाराष्ट्र में बाघों की मौत के अधिकतर मामलों में मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। इसका कारण राज्य के वन विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई आधी-अधूरी जानकारी है। वर्ष 2018 में 4 बाघों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी, 3 की मौत अप्राकृतिक कारणों के तहत दर्ज हैं। एक की मौत आपसी संघर्ष में हुई। अन्य 12 मामलों में मौत के कारणों की जांच जारी है। 

वर्ष 2019 में अप्रैल तक हुई 7 मौतों में से एक की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, जबकि अन्य 6 मामलों  जांच जारी है। एनटीसीए अधिकारियों के अनुसार, छह बाघों की मौत के कारणों पर राज्य सरकार की ओर से अब तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस वर्ष हुई सात मौत में से 2 नर और 2 मादा बाघ थे, शेष के जेंडर की जानकारी नहीं है।

लोकसभा चुनाव के बाद जारी होगी बाघों की संख्या
एनटीसीए के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या संबंधी रिपाेर्ट तैयार करने के लिए देश भर से आ रहे आंकड़ों के विश्लेषण में समय लग सकता है। इसके कारण रिपोर्ट कुछ देर से जारी हो सकती है। संभवत: लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार के बनने के बाद जारी होगी। संस्था की ओर से हर चार वर्ष के बाद पूरे देश में बाघों की संख्या संबंधी विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाती है। 
 

Created On :   15 May 2019 8:36 AM GMT

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