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बिना काम के वेतन लेने वाले २१ मस्टररोल कर्मचारी बाहर
डिजिटल डेसेक , शहडोल। नगर परिषद बकहो में बिना काम के वेतन लेने वाले २१ मस्टररोल कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। ये सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग या उनके नजदीकी रिश्तेदार थे। बताया जाता है कि इन सभी कर्मचारियों को नौकरी से भी बाहर कर दिया गया है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो रही है।
जानकारी के अनुसार नगर परिषद बकहो में कुल ७५ मस्टररोल कर्मचारियों को हर माह वेतन जारी किया जाता है। इनमें सफाई कर्मचारी भी शामिल हैं। दिसंबर में सीएमओ के सस्पेंड होने के बाद से कर्मचारियों को वेतन बंद था। वर्तमान में बकहो नगर परिषद की प्रभारी सीएमओ बुढ़ार तहसीलदार मीनाक्षी बंजारे हैं। उनके निर्देश पर काम करने वाले ५४ मस्टररोल कर्मचारियों का वेतन तैयार किया गया है। २१ कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है।
दबाव बनाने की शिकायत
इसकी जानकारी मिलने पर शुक्रवार दोपहर कुछ नेताओं के साथ मस्टर कर्मचारियों ने कार्यालय में हंगामा किया। विरोध करने वालों में भाजपा-कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता भी थे। दबाव बनाने के लिए नगर परिषद के स्वच्छता निरीक्षक राजकुमार सोनी के खिलाफ अमलाई थाने में यह आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई कि ये शराब पीकर कार्यालय में काम करते है। पुलिस द्वारा कराई गई जांच में एल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई। अमलाई टीआई समीर वारसी ने बताया कि लोगों से मिली शिकायत के बाद बकहो नगर परिषद के कर्मचारी की जांच कराई गई थी। एल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई है।
राजनीतिक दलों से जुड़े लोग शामिल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद बकहो में मस्टररोल कर्मचारियों में करीब दो दर्जन नाम ऐसे हैं, जो बिना काम के ही वेतन ले रहे थे। इनमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार, स्थानीय भाजपा-कांग्रेस नेता और उनसे जुड़े लोग हैं। पूर्व में कमिश्नर-कलेक्टर से इसकी शिकायत भी हुई थी। बताया जाता है कि इस तरह के २१ कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है। इस संबंध में बुढ़ार तहसीलदार और प्रभारी सीएमओ मीनाक्षी बंजारे का कहना है कई कर्मचारियों का वेतन रोका गया है। अभी संख्या नहीं बता सकते हैं, लेकिन जल्द ही सब पता चल जाएगा।
जेडी-सीएमओ सहित पांच अधिकारी हुए थे निलंबित
बकहो नगर परिषद गठन के बाद से ही कर्मचारियों की भर्ती को लेकर विवादों में रहा है। यहां एक संविदा कर्मी सहित ५२ मानदेय कर्मचारियों का संविलियन नियम विरुद्ध तरीके से नियमित पदों पर कर दिया गया था। इस मामले में पिछले दिनों संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन मकबूल खान, सीएमओ जयदीप दीपांकर, प्रभारी सीएमओ धनपुरी रविकरण त्रिपाठी, उपयंत्री संयुक्त संचालक कार्यालय अजीत रावत तथा सहायक यंत्री संयुक्त संचालक कार्यालय राकेश तिवारी सहायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने निलंबन के आदेश जारी किए थे। गलत तरीके से नियमित पदों पर संविलियन किए गए ५३ कर्मचारियों को भुगतान किए वेतन भत्तों से निकाय को माह अक्टूबर २०२१ तक करीब ६५ लाख रुपए की आर्थिक क्षति हो चुकी है।
Created On :   12 Feb 2022 3:02 PM IST