वन विभाग में विकास के लिए 18 गांव को दिये 25 लाख,जंगलों से ग्रामीणों को बचाने का प्रयास

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 वन विभाग में विकास के लिए 18 गांव को दिये 25 लाख,जंगलों से ग्रामीणों को बचाने का प्रयास

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मानव व वन्यजीवों में होनेवाले संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने सराहनीय कदम उठाया है। एक योजना के माध्यम से नागपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत करीब 18 गांव को विकास के लिए 25 लाख रुपये दिये गये हैं। इन पैसों से गांववालों को ऐसी जरूरतों को पूरा करना है, जिनके लिए उन्हें जंगलों में जाना पड़ रहा है। उक्त गांवों में इन पैसों का उपयोग कर ग्राम निवासियों के लिए एलपीजी से लेकर कई ऐसी सुविधा को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे एक तरफ उन्हें विकास का स्वाद चखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर जंगल से दूरी बनने से जान सुरक्षित हो रही है।

नागपुर वन वपरिक्षेत्र में भले ही कोई व्याघ्र प्रकल्प नहीं है। लेकिन यहां काफी इलाके ऐसे हैं, जहां कई बार बाघों की मौजूदगी देखने मिलती है। इन में दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड, कोंढाली, काटोल, हिंगणा, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, बुट्‌टीबोरी, खापा वन क्षेत्र शामिल है। नीलगाय से लेकर तेंदुओं की संख्या यहां अच्छी है। इन वन क्षेत्र के आस-पास कई गांव बसें है। जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां निवासियों को न चाहकर भी वन परिसर में शौच करने के लिए जाना पड़ता है। चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों के लिए भी उन्हें जंगल परिसर में आना पड़ता है। यही नहीं इनकी खेती भी जंगलों के आस-पास रहने से यहां आये दिन जंगली जानवर पहुंच जाते हैं। ऐसे में मानव व वन्यजीवों में आये दिन संघर्ष की स्थिति बनती रहती है। जिसमें कई बार इंन्सानों की जान जाती है,  कई बार इसके लिए वन्यजीवों को भी मारा जाता है। प्रति वर्ष संघर्ष के आंकड़े बढ रहे हैं।

वन विभाग द्वारा कई बार दिशा-निर्देश देने के बाद भी जरूरत पड़ने पर ग्राम निवासी लोग जंगल क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। ऐसे में अब वन विभाग ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनवन योजना का प्रारंभ कर हर गांव को विकास की डोर थमाई है। जिसमें एक गांव को विकास के लिए 25 लाख रुपये तक दिये जा रहे हैं। इस बार उत्तर उमरेड़ के पचखेडी, हरदोली राजा, बुट्‌टीबोरी में आमघाट, जामगड़, जांभडापानी, सिंदी विहीरी, बोरीमांजरा, दुधा, तारसी, कोहडा, हिंगणा में दाभा, डिगडोह पांडे, गौराडा, खेरी, गिदमगड़, सावडी, देवडी येटेवाही और कान्होलीबारा शामिल है। वन विभाग द्वारा मिले इस पैसों से गांव में एलपीजी, खेत फैन्सिंग, शौचालयों का निर्माण आदि व्यवस्था की जा रही है।

जंगलों में हमेशा गांव निवासियों को आना-जाना रहता है। जिससे वन्यजीव संघर्ष उत्पन्न होते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए इस बार वन विभाग ने उक्त योजना अंतर्गत 18 गांव को प्रति गांव 25 लाख रुपये विकास के लिए दिया जा रहा है।
 डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, उपवनसंरक्षक, नागपुर वन परीक्षेत्र 
 

Created On :   17 Jan 2020 10:35 AM GMT

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