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चंद्रपुर पावर प्लांट से फैल रहे प्रदूषण से हर साल हो रही 280 लोगों की मौत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर प्लांट से फैलते प्रदूषण की वजह से विदर्भ के कई शहर प्रभावित हो रहे हैं। इस प्रदूषण का असर मुंबई, पुणे व नांदेड़ पर भी पड़ रहा है। लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। ‘द सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ के विश्लेषक सुनील दहिया ने यह खुलासा किया है। सीआरईए द्वारा किए गए अध्ययन में पता चला है कि, इस पावर प्लांट से फैलने वाले प्रदूषण की वजह से वर्ष 2020 में कुल 280 लोगों की मौत हुई है। सुनील दहिया द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार चंद्रपुर के 85, नागपुर के 62, यवतमाल के 45, मुंबई के 30, पुणे के 29 व नांदेड के 29 लोगों की मौत हुई है। नागपुर से करीब 150 किमी दूर चंद्रपुर में मौजूद 2920 मेगावॉट के इस पावर प्लांट में बिजली तैयार करने के लिए कोयले का उपयोग होता है।
कंपनियों की लापरवाही से स्वास्थ्य खतरे में : दहिया ने आरोप लगाया कि, "महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी (महाजेनको) जैसी ऊर्जा कंपिनयों की लापरवाही की वजह से पूरी आबादी का स्वास्थ्य खतरे में है। उन्होंने कहा कि, इस मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। पॉवर प्लांट से फैलते प्रदूषण को कम करने और विद्युत उत्पादकों द्वारा नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के िलए कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया जाना चाहिए।
लोगों की कार्यक्षमता हो रही प्रभावित : प्रदूषण की वजह से सांस संबंधी बीमारयां हो रही हैं िजसकी वजह से 2020 में चंद्रपुर में 34,000 लोग ने सिक लीव (अस्वस्थता अवकाश) ली, जबकि नागपुर में 30,000 लोग काम पर अनुपस्थित थे। दहिया ने कहा कि, यह स्थिति दर्शाती है कि, कैसे थर्मल पावर प्लांट के उत्सर्जन से लोगों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। देशभर में ऐसी ही स्थिति है। अध्ययन के मुताबिक सीएसटीपीएस की वजह से मध्य भारत में 2020 में आठ लाख से अधिक कर्मचारियों ने िसक लीव ली। अस्थमा के करीब 1900 मामले उजागर हुए, जिसमें 800 बच्चे थे।
Created On :   1 March 2022 4:59 PM IST