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कोरोना से निपटने के लिए इस्तेमाल की जा सकेगी जिला नियोजन समिति की 30 प्रतिशत निधि - अजित पवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में कोरोना प्रतिबंधक उपाय योजना के लिए जिला नियोजन समिति की 30 प्रतिशत निधि के इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी। कोरोना से निपटने के लिए यह निधि चरण बद्ध तरीके से खर्च की जा सकेगी। कोरोना के मरीजों के लिए अधिग्रहित निजी अस्पतालों में सुविधाओं के खर्च को मंजूर देने का अधिकार विभागीय आयुक्त को दिया जाएगा। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह घोषणा की है। सोमवार को मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कोरोना की स्थिति और प्रतिबंधक उपाय योजना को लेकर समीक्षा बैठक हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से न बेचते हुए सीधे वितरकों के जरिए अस्पतालों को दिए जाएंगे। रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण पर जिलाधिकारी का नियंत्रण रहेगा। उपमुख्यमंत्री ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के उचित तरीके से इस्तेमाल के लिए नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अगला 15 दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दौरान मरीजों को बिस्तर, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि उपलब्ध कराने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर की जाए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए बिस्तर की संख्या बढ़ाई जा रही है। निजी अस्पतालों के बिस्तर अधिग्रहित किए गए हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारु रूप से करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू है।
ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएं
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों के ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट और हवा से ऑक्सीजन तैयार करने का प्लांट जरूरत और उपलब्ध के अनुसार लगाए जाएं। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग, राज्य आपदा निवारण दल (एसडीआरएफ) और जिला नियोजन योजना से निधि उपलब्ध कराई जाएगी।
विद्युत शवदाहिनी के लिए निधि
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मनपा और नगर पालिकाओं को विद्युत शवदाहिनी और गैस शवदाहिनी के लिए महाराष्ट्र नगरोत्थान योजना और जिला नियोजन योजना से श्मशानभूमि विकासअंतर्गत निधि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
Created On :   12 April 2021 8:19 PM IST