विधायक निवास के निर्माण में 300 करोड़ का घोटाला! कांग्रेस ने कहा - फडणवीस सरकार जिम्मेदार

300 crore scam in MLA residence construction! Congress said Devendra Fadnavis government responsible
विधायक निवास के निर्माण में 300 करोड़ का घोटाला! कांग्रेस ने कहा - फडणवीस सरकार जिम्मेदार
विधायक निवास के निर्माण में 300 करोड़ का घोटाला! कांग्रेस ने कहा - फडणवीस सरकार जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनोरा विधायक निवास के पुनर्निर्माण के लिए 900 करोड़ रुपए टेंडर जारी करने को लेकर राज्य में विपक्षी दल भाजपा और सत्ताधारी कांग्रेस आमने-सामने आ गई है। दरअसल, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कोरोना संकट के बावजूद सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रखने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। इसके जवाब में प्रदेश भाजपा कह रही है कि सेंट्रल विस्टा पर सवाल करने वाली राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस को विधायक निवास का पुनर्निर्माण के लिए टेंडर क्यों जारी किया? भाजपा ने विधायक निवास परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपए से बढ़कर 900 करोड़ रुपए होने पर सवाल उठाया है। भाजपा विधायक ने विधायक निवास के निर्माण में 300 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है।  

नए पीएम आवास को लेकर पैदा हुआ विवाद 

इस पर शुक्रवार को प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने सफाई दी है। चव्हाण ने कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना और मनोरा विधायक निवास पुनर्निर्माण परियोजना में फर्क है। दिल्ली में फिलहाल संसद अस्तित्व में है और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए आवास है। ऐसे में सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम क्यों जारी रखना जरुरी है? लेकिन मुंबई में विधायकों को रहने के लिए आवास नहीं है। हर विधायक को मुंबई में रहने के लिए प्रति महीना एक लाख रुपए दिया जाता है। क्योंकि मनोरा विधायक निवास को ढहा दिया गया है। पूर्व की फडणवीस सरकार ने ही मनोरा विधायक निवास पुनर्निर्माण का फैसला लिया था। बता दें कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत दिल्ली में प्रधानमंत्री के लिए नया आवास बनाया जा रहा है। 

600 करोड़ का टेंडर 900 करोड़ कैसे?

वहीं भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि मनोरा विधायक निवास पुनर्निर्माण परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपए से बढ़कर 900 करोड़ रुपए कैसे हो गई? सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। भातखलकर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर टेंडर रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने टेंडर रद्द नहीं किया तो मैं चीफ विजिलेंस कमिश्नर से इसकी शिकायत करूंगा। भातखलकर ने कहा कि कांग्रेस कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस सेंट्रल विस्टा परियोजना के खिलाफ दिन रात बात कर रही है तो महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट के दौरान विधायक आवास के लिए 900 करोड़ रुपए का टेंडर क्यों जारी किया है? 

भातखलकर के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज्य सरकार को भाजपा के उपदेश की आवश्यकता नहीं है। कोरोना काल में जनता और राज्यों को मदद करने के बजाय खुद के लिए सेंट्रल विस्टा में आलीशान आवास बनाने वाले मोदी को इस उपदेश की जरूरत है। सावंत ने कहा कि तत्कालिन फडणवीस सरकार ने मनोरा विधायक निवास का पुनर्निर्माण का फैसला 2018 में लिया था। इसका निर्माण कार्य पहले ही हो जाता। लेकिन फडणवीस सरकार के समय इसमें घोटाला हुआ। इससे निर्माण कार्य में देरी हुई और राज्य सरकार का 700 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। क्योंकि विधायकों को रहने के लिए हर महीने 3.5 करोड़ दिए जाते हैं। भाजपा विधायकों को भी हर महीने एक लाख रुपए मिलते हैं।  

एनबीसीसी की बजाय पीडब्लूडी को सौपा गया निर्माण कार्य

इससे पहले पूर्व की भाजपा सरकार ने मनोरा विधायक निवास का पुनर्निर्माण नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) से कराने का फैसला किया था। लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार ने 8 दिसंबर 2020 को मनोरा विधायक निवास का पुनर्निर्माण एनबीसीसी के बजाय राज्य के पीडब्ल्यूडी से कराने का फैसला लिया था। 
 

Created On :   7 May 2021 12:37 PM GMT

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