अंधेरे में जिला परिषद की 322 स्कूलें, डिजिटलाइजेशन सिर्फ कागजों में

322 district council schools are still waiting for electricity
अंधेरे में जिला परिषद की 322 स्कूलें, डिजिटलाइजेशन सिर्फ कागजों में
अंधेरे में जिला परिषद की 322 स्कूलें, डिजिटलाइजेशन सिर्फ कागजों में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार एक ओर स्कूलों को डिजिटलाइजेशन करने पर जोर दे रही हैं, वहीं अनेक सरकारी स्कलों में बिजली तक नहीं है और जहां बिजली है, वहां की बिल बकाया होने से बिजली कट चुकी है। ऐसा ही वाकया इन दिनों जिला परिषद स्कूलों में सामने आया है। जिला परिषद के 322 स्कूलों में अंधेरा कायम है। इन स्कूलों का बिजली बिल बकाया होने से कनेक्शन काट दिया गया है।

पालकमंत्री के संज्ञान में लाने पर 3 दिन में कनेक्शन जोड़ने का आश्वासन दिया था। इसके लिए एक शर्त रखी गई। शर्त के मुताबिक जिला परिषद को 14 लाख 70 हजार रुपए बकाया बिल 31 मार्च से पहले भुगतान करने की गारंटी देनी थी। प्राथमिक शिक्षणाधिकारी ने लिखित गारंटी पत्र भी दिया। 15 दिन से अधिक समय बीत गया, लेकिन कनेक्शन नहीं जोड़े गए। स्कूलों में अभी भी अंधेरे का आलम छाया हुआ है।

और कट गई बिजली
राज्य सरकार स्कूलाें के डिजिटलाइजेशन पर जोर दे रही है। परंतु बिना बिजली के राज्य सरकार का यह सपना अधूरा है। नागपुर जिला परिषद के 1538 स्कूल हैं। इसमें से 878 स्कूलों का डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है। विद्यार्थियों को कम्प्यूटर, एलसीडी प्राजेक्टर, डिजिटल बार्ड के माध्यम से पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं। वहीं जिले में 322 स्कूलों के बिजली कनेक्शन कट किए जाने से अंधेरा छाया हुआ है। 7 फरवरी को जिप की आमसभा में स्कूलों के बिजली कनेक्शन काटने का मुद्दा उपस्थित किया गया था। एक प्रश्न के उत्तर में प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामण वंजारी ने बिजली बिल बकाया रहने से कनेक्शन कट किए गए स्कूलों का आंकड़ा पेश किया।

पालकमंत्री के आश्वासन भी काम नहीं आए
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस विषय का संज्ञान लेकर 11 फरवरी को 3 दिन में कनेक्शन जोड़ने का आश्वासन दिया था। 31 मार्च तक बकाया बिजली बिल भुगतान करने की गारंटी लेने की जिला परिषद पर शर्त रखी गई। जिप के प्राथमिक शिक्षा विभाग ने 15 दिन पहले विद्युत वितरण कंपनी को लिखित गारंटी पत्र दिया है। अभी तक एक भी स्कूल का बिजली कनेक्शन नहीं जोड़ा गया है। पालकमंत्री के पास राज्य का ऊर्जा विभाग भी है। मंत्री का आश्वासन ऊर्जा विभाग ने पूरा नहीं किया। पालकमंत्री का आश्वासन चुनावी जुमला साबित हुआ है।

इस वर्ष रोशनी के आसार नहीं
जिप की बजट सभा हाल ही में हुई। बजट में स्कूलों का बकाया बिल भुगतान के लिए प्रावधान नहीं किया गया। हेड भी नहीं रखा गया है, इसलिए रिएप्रोपेशन में बजट स्थानांतरण भी नहीं किया जा सकता। बकाया बिल भुगतान का जिला परिषद के पास काेई विकल्प नहीं रहने से अगले वर्ष के बजट में निधि का प्रावधान के सिवा और कोई रास्ता नहीं रहा। इसे देखते हुए इसे वर्ष स्कूलों में रोशनी के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
 

Created On :   1 March 2019 1:45 PM IST

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