ढाई सालों में राज्य में नए 5 अभयारण्य और 23 आरक्षित वन क्षेत्र स्थापित

5 new sanctuaries and 23 reserved forest areas established in the state in two and a half years
ढाई सालों में राज्य में नए 5 अभयारण्य और 23 आरक्षित वन क्षेत्र स्थापित
फैसला ढाई सालों में राज्य में नए 5 अभयारण्य और 23 आरक्षित वन क्षेत्र स्थापित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने पिछले ढाई सालों में 647.1294 वर्ग किमी क्षेत्र का नए 5 अभयारण्य और 1750.63 वर्ग किमी का नए 23 आरक्षित वन क्षेत्र स्थापित करने का फैसला किया है। जबकि 85.89 हेक्टयर का 4 जैव विविधता विरासत स्थल बनाने का निर्णय लिया है। वहीं लोणार वन्यजीव अभयारण्य को रामसर साइट दर्जा मिल गया है। जबकि ठाणे खाड़ी के फ्लेमिंगो अभयारण्य को रामसर साइट का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य मं् आरक्षित वन क्षेत्र बढ़ाने से वन्यजीवों का भ्रमण मार्ग भी सुरक्षित होता नजर आ रहा है। सरकार की हमेशा पर्यावरण पूरक विकास को प्राथमिकता रही है। जबकि मुख्यमंत्री सचिवालय ने बताया कि राज्य के 23 आरक्षित वन क्षेत्रों में से 9 आरक्षित वन क्षेत्र अधिसूचित कर दिए गए हैं। जबकि शेष आरक्षित वन क्षेत्रों की अधिसूचना जारी करने की कार्यवाही शुरू है। 5 नए अभयारण्य में से से एक कन्हारगाव अभयारण्य की अधिसूचना जारी हो चुकी है। जबकि शेष चार अभयारण्यों की अधिसूचना जारी करने के लिए कार्यवाही चालू है। 

आरक्षित वन क्षेत्र

नागपुर के मुनिया (96.01 वर्ग किमी), नागपुर के मोगरकसा (103.92 वर्ग किमी), अमरावती के महेंद्री (67.82 वर्ग किमी), धुलिया के चिवटीबारी (66.04 वर्ग किमी), धुलिया के अलालदरी (100.56 वर्ग किमी), नाशिक के कलवण (84.12 वर्ग किमी), नाशिक के मुरागड (42.87 वर्ग किमी), नाशिक के त्र्यंबकेश्वर (96.97 वर्ग किमी), नाशिक के इगतपुरी (88.50 वर्ग किमी), रायगड के रायगड संवर्धन आरक्षित (47.62  वर्ग किमी), रायगड के रोहा संवर्धन आरक्षित (27.30 वर्ग किमी), पुणे के भोर (28.44 वर्ग किमी), सातारा के दरे खुर्द महादरे (107 वर्ग किमी), कोल्हापुर-तिलारी (29.53 वर्ग किमी), सातारा- जोर जांभली (65.11 वर्ग किमी), सिंधुदुर्ग के आंबोली दोडामार्ग (56.92 वर्ग किमी), कोल्हापुर के विशालगड (92.96 वर्ग किमी), कोल्हापुर के पन्हालगड (72.90 वर्ग किमी), सातारा के मायणी पक्षी संवर्धन (8.86 वर्ग किमी), कोल्हापुर के चंदगड- (225.24 वर्ग किमी), कोल्हापुर के गगनबावडा (104.93 वर्ग किमी), कोल्हापुर के आजरा भुदरगड (238.33 वर्ग किमी), कोल्हापुर के मसाई पठार (5.34 वर्ग किमी) को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया है। इसमें से तिलारी, जोर जांभली, आंबोली दोडामार्ग, विशालगड, पन्हालगड,  मायणी, चंदगड, मुनिया और महेंद्री को आरक्षित वन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है। 

पांच अभयारण्य 

सरकार ने चंद्रपुर वन क्षेत्र में कन्हारगाव (269.40 वर्ग किमी),  विस्तारित अंधारी वन्यजीव अभयारण्य (78.40 वर्ग किमी), धुलिया वनक्षेत्र में जलगांव के मुक्ताई भवानी (122.740 वर्ग किमी), गडचिरोली वन क्षेत्र में कोलामार्का (175.72 वर्ग किमी) बुलडाणा वन क्षेत्र में विस्तारित लोणार वन्यजीव क्षेत्र (.8694 वर्ग किमी) को अभयारण्य घोषित किया गया है। 

जैव विविधता विरासत स्थल

पुणे के गणेशखिंड (33.01 हेक्टेयर), जलगांव के लांडोरखोरी (44.08 हेक्टेयर), सिंधुदूर्ग के बांबर्डे मायरेस्टिका (2.59 हेक्टेयर) जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है। जबकि सिंधुदूर्ग की शिुस्टुरा हिरण्यकेशी (मछली) को भी जैव विविधता में शामिल किया गया है। इन चारों जैव विविधता विरासतों के संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। 

 

Created On :   15 Jun 2022 9:43 PM IST

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