गोदामों में पहुंचा दिया 84 हजार क्विंटल घटिया चावल

84 thousand quintals of substandard rice delivered to warehouses
गोदामों में पहुंचा दिया 84 हजार क्विंटल घटिया चावल
गोदामों में पहुंचा दिया 84 हजार क्विंटल घटिया चावल

भारतीय खाद्य निगम की जांच में गड़बड़ी उजागर, 29 हजार क्विंटल चावल तो खाने लायक ही नहीं
डिजिटल डेस्क शहडोल ।
बालाघाट की तरह ही जिले में भी काफी मात्रा में अमानक चावल मिला है। भारतीय खाद्य निगम  की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ मिलरों ने जिले के गोदामों में ऐसे घटिया चावल जमा करा दिए, जो उपयोग लायक ही नहीं है । खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में मिलरों द्वारा 2 लाख 26 हजार 991.30 क्विंटल चावल गोदामों में जमा कराए गए। इनमें से 84 हजार 592.63 क्विंटल चावल अमानक स्तर के पाए गए हैं। 
जांच में सामने आया है कि 29 हजार 347.75 क्विंटल चावल फीड-1 श्रेणी के यानि उपयोग लायक ही नहीं हैं, जबकि 55 हजार 244.88 क्विंटल चावल वितरण योग्य नहीं पाया गया। इसे मिलरों को वापस कर अपग्रेड कराके गोदामों में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश स्तर पर शुरू हुई जांच के बाद भारतीय खाद्य निगम द्वारा गठित संयुक्त दल ने गुणवत्ता परीक्षण करने जिले के विभिन्न अनाज गोदामों का जायजा लिया था। टीम द्वारा जिस चावल को आमनक पाया गया उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण कराने की तैयारी चल रही थी। यानि गरीबों को घटिया और अमानक स्तर का अनाज प्रदाय किया जाता।
इन मिलरों ने की अमानक आपूर्ति, लौटाया जा रहा चावल
गोदाम में भण्डारित चावल का जांच दलों द्वारा लिए गए स्टेकों के सेम्पलों के परीक्षण के बाद 55244.88 क्विंटल चावल अमानक पाते हुए मिलरों को वापसी योग्य पाया गया। बुढ़ार स्थित सभी गोदामों में प्रयागराज राईस मिल, तिरुपति, गुड्डू सरावगी, मदनी तथा शारदा राईस मिल द्वारा 11958.88 क्विंटल चावल अमानक स्तर का जमा कराया गया। इसी प्रकार नूरजहां राईस मिल ने जयसिंहनगर गोदाम में 1750 क्विंटल तथा असवारी गोदाम में जमा कराए गए 1740 क्विंटल चावल वापसी योग्य पाया गया। ब्यौहारी में सर्वोदय राईस मिल, जेएस राईस मिल, हदीश, इण्डियन राईस मिल द्वारा जमा कराए गए 31951.50 क्विंटल तथा महाकाल सौरटेक्स द्वारा 1766.50 क्विंटल  चावल को रिजेक्ट कर वापसी योग्य पाया गया। वहीं शहडोल के जेवीएस गोरामों में तिरुपति, नूरजहां, विराट इंड्रस्ट्रीज, हदीश तथा अक्सा राईस मिल द्वार जमा कराए गए 6075 क्विंटल चावल को वापसी योग्य पाया गया है।
29 हजार क्विंटल चावल खाने लायक ही नहीं  
खाद्य निगम द्वारा निरीक्षण के बाद 29347.75 क्विंटल चावल उपयोग लायक ही नहीं पाया गया, जिसे फीड-1 श्रेणी में रखा गया। ऐसे घटिया व दोयम दर्जे का 14982.25 क्विंटल चावल बुढ़ार के गोदामों में मदनी राईस मिल, गुड्डू सरावगी, प्रयागराज, तथा तिरुपति राईस मिलों से जमा कराए गए हैं। इसी प्रकार नूरजहां राईस मिल, मुख्तार व हदीश राईस मिलों से जयसिंहनगर के गोदामोंं में 2484.50 क्विंटल, नूरजहां राईस मिल ने असवारी गोदाम में 5220 क्विंटल, सर्वोदय राईस मिल ने ब्यौहारी गोदाम में 1774.50 क्विंटल तथा शहडोल के लक्ष्मी राईस मिल ने 1756.50 क्विंटल, हदीश, विराट व नूरजहां राईस मिल ने 3130 क्विंटल घटिया चावल गोदामों मेंं जमा कराए।
अब मामले में लीपापोती का किया जा रहा प्रयास
गरीबों को घटिया व अनानक स्तर के चावल को निवाला बनाने के पीछे साजिस रचने वालों पर कार्रवाई की बजाय मामले में लीपापोती के प्रयास किए जा रहे हैं। मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज कारर्पोशन शहडोल द्वारा मप्र वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक, स्टेट सिविल सप्लाईज तथा सहकारी गोदाम प्रभारियों को पत्र लिखकर अपने कर्तत्यों की इतिश्री कर ली गई है। जांच दल द्वारा 11 सितंबर को परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद नान प्रबंधक द्वारा उक्त एजेंसियों को पत्र लिखकर अमानक चावल के स्टाक को मिलरों को वापस कर अपगे्रड कर जमा कराने को कहा था। वहीं फीड-1 श्रेणी के स्टेकों के चावल के बारे में शासन से निर्देश प्राप्त करने को कहा था, लेकिन अभी तक निर्देश नहीं लिए गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि मिलरों द्वारा जमा कराए गए घटिया चावल को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई सामने नहीं आई है। जांच तक नहीं कराई जा रही है। बताया गया है कि मिलीभगत से सब खेल चल रहा है। 
इनका कहना है
जांच में वापसी योग्य चावल मिलरों को देकर अपग्रेड कराया जा रहा है। फीड-1 श्रेणी के चावल के बारे में अभी शासन से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
एमएस उपाध्याय, नान प्रबंधक शहडोल

Created On :   2 Oct 2020 6:18 PM IST

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