अंतौली में एक साथ दफनाए गए 9 शव , गमगीन हुआ माहौल

9 bodies buried together in Antauli, inconsolable atmosphere
अंतौली में एक साथ दफनाए गए 9 शव , गमगीन हुआ माहौल
अंतौली में एक साथ दफनाए गए 9 शव , गमगीन हुआ माहौल

डिजिटल डेस्क शहडोल/उमरिया । औरंगाबाद के पास हुए टे्रन हादसे का शिकार हुए सभी 16 श्रमिकों के शव शनिवार शाम को उनके गांव पहुंचे। उमरिया के ममान और शहडोल के अंतौली में दिल दहला देने वाला दृश्य था। शवों के गांव में पहुंचते ही रोने-बिलखने की आवाजें तेज हो गईं। हरेक के आंखों में आंसू थे। सैकड़ों की भीड़ में मौजूद लोगों की आंखें नम थी और हर कोई स्तब्ध था। परिवार की महिलाएं रोते हुए बेहोश हो रहीं थीं। किसी कदर उन्हें शांत कराते हुए अंतिम संस्कार की कार्रवाई देर शाम संपन्न कराई गई। अफसरों की मौजूदगी में उमरिया के चिल्हारी व ममान गांव में पांच चिताएं जलीं, वहीं शहडोल जिले के अंतौली गांव में एक साथ नौ शवों को दफनाया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।
दोपहर में विशेष ट्रेन से पहुंचे शव
  इससे पहले दोपहर में औरंगाबाद से विशेष ट्रेन से हादसे के सभी १६ मृतकों के शव उमरिया और शहडोल में उतारे गए। उमरिया में दोपहर करीब सवा दो बजे ट्रेन पहुंची। इससे पहले ही स्टेशन में कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, एसपी सचिन शर्मा और रेलवे पुलिस चौकी प्रभारी डीके सिंह सहित तमाम अधिकारी पहुंच गए थे। मृतकों के अंतिम दर्शन करने जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह भी स्टेशन पहुंची। अन्य लोगों को स्टेशन के बाहर ही रोक दिया गया था। एक एंबुलेंस में बीगेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, नेमशाह सिंह और मुनीम सिंह के शव  पाली  के ममान गांव भेजे गए। वहीं अच्छेलाल काछी का शव दूसरे एंबुलेंस से मानपुर के चिल्हारी रवाना किया गया।
3:45 बजे शहडोल पहुंचे शव
उमरिया से रवाना होने के बाद ट्रेन दोपहर बाद करीब ३.४५ बजे शहडोल पहुंची। स्टेशन में एडीजीपी जी. जनार्दन, डीआईजी जीएस उइके, सांसद हिमाद्री सिंह, विधायक जयसिंह मरावी, विधायक शरद कोल, नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे, कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला, रेलवे सुरक्षा आयुक्त ऋषि शुक्ला सहित पुलिस, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। स्टेशन परिसर के भीतर ही पांच एंबुलेंस खडी थीं। जैसे ही ट्रेन पहुंची पीपीई किट पहने तैयार खड़े नगर पालिका के कर्मचारियों ने शवों को एंबुलेंस रखा। यहां से धन सिंह, दीपक सिंह, बुद्धराज सिंह, शिवदयाल सिंह, धर्मेंद्र सिंह, निर्मेश सिंह, रावेंद्र सिंह, राजबहोरन और सुरेश सिंह के शवों को ग्राम अंतौली रवाना किया गया। जबकि संतोष नापित का शव बैरिहा टोला और बृजेश सिंह का शव शहरगढ़ के लिए रवाना किया गया।
 खेत में ही हुई बिगेन्द्र - प्रदीप तथा नेमशाह- मुनीम की अंत्येष्टि
परिजनों की इच्छा अनुरूप चचेरे भाइयों नेमशाह व मुनीम का ममान की नेउसा स्थित पारिवारिक खेत में एक साथ चिताएं सजाई गई थीं तो जमुड़ी स्थित खेत में बिगेन्द्र तथा प्रदीप का एक साथ दाह संस्कार हुआ। गांव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सीमित संख्या में परिजनों व ग्रामीणों की उपस्थिति में एक साथ चार चिताएं जलती देख लोगों की आंखें आंसुओं से भर गईं।
अंतौली में गांव के बाहर जंगल में दफनाए गए शव
सबसे हृदय विदारक दृश्य शहडोल के अंतौली गांव का था। यहां देर शाम सूर्यास्त के कुछ समय सभी 9 श्रमिकों के शव पहुंचे। शव देर शाम तक ही गांव में पहुंचने का अनुमान था इसलिए परिजनों व गांव वालों की आपसी सहमति से प्रशासन ने सभी शवों को दफनाए जाने की तैयारी कर रखी थी। शवों के पहुंचते ही परिजनों व ग्रामीणों ने अंतिम दर्शन किए और शवों को दफनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। शहरगढ़ के बृजेश सिंह का शव रात करीब 8 बजे गृह ग्राम पहुंचा। इससे पूर्व जयसिंहनगर के बैरिहा टोला में संतोष नापित का शव पहुंचा, जिसे दफनाया गया।
गांव में नहीं ले जाया गया शवों को-
अंतौली में एक साथ 9 शव पहुंचने से सोशल डिस्टेंसिंग छिन्न-भिन्न होने के अंदेशे को देखते हुए एहतियातन गां से एक किलोमीटर पहले ही सभी शवों को उतार लिया गया था। मृतकों के परिजन व गांव वाले शव आने की सूचना पर पहले से ही गांव के बाहर पहुंच चुके थे। शवों को जैसे ही एंबुलेंस से उतारा जाने लगा, मौजूद लोग फफक कर रो पड़े। गांव के बाहर ही पहले से खड़ी जेसीबी से शवों को दफनाने जगह बनाई गई और रात में ही सभी के शव दफना दिए गए।

Created On :   9 May 2020 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story