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98 लाख के फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाला बैंक मैनेजर गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्रा बैंक में फर्जी दस्तावेजों के जरिए 98 लाख की ठगी को अंजाम दिया गया। शुक्रवार को क्राइम ब्रांच ने फर्जीवाड़ा कर बैंक को लाखों का चूना लगाने वाले तत्कालीन बैंक मैनेजर यादवराव निखारे, उम्र 49 साल को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में फर्जी कंपनी के नाम से ठगी करने वाले 4 आरोपी पहले से ही हवालात की हवा खा रहे हैं।
मशीनें खरीदने के लिए उठाया कर्ज
आरोपियों ने साल 2014 में चिंतामणी ट्रेडर्स और पूर्वा ट्रेडिंग कंपनी के नाम से फर्जी दस्तावेज लगाए थे। जिसका सत्यापन निखारे के हाथों हुआ था। कंपनी के नाम पर मशीनें खरीदने के लिए इर्विन चौंक स्थित आंध्रा बैंक में 26 फरवरी 2014 को आवेदन किया गया था। लेकिन कर्ज मिलने के बाद से आरोपियों ने कोई किश्त बैंक में जमा नहीं कराई।
पांच लाख रुपए लेकर कराया लोन पास
उधर जब निखारे की जगह पशमती हनी लक्ष्मीकांत ने कामकाज संभाला। तो उन्होंने चिंतामणी ट्रेडर्स और पूर्वा ट्रेडिंग कंपनी की जानकारी जुटाई, तब जाकर फर्जीवाड़े का भांडाफोड़ हुआ। जांच में पता चला कि वहां एसी कोई कंपनियां थी ही नहीं। लिहाजा लक्ष्मीकांत ने 27 जुलाई 2016 को थाने में चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। तबादला होने के बाद निखारे मुंबई की आंध्रा बैंक में काम कर रहा था। शुक्रवार दोपहर जब वो किसी काम से अमरावती आया, तो क्राइम ब्रांच ने उसे कैम्प इलाके से गिरफ्तार किया। आरोपी रामकृष्ण सोसायटी, नरेंद्र नगर, नागपुर का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पांच लाख रुपए लेकर लोन पास किया था।
पांचों आरोपी सलाखों के पीछे
बैंक के साथ ठगी करने वालों में हरेशराव शिरभाते, करुणा शिरभाते स्थानीय हैं। जब्कि रविंद्र देवराव गद्रे, रोहण आनंदराव भोपले रहवासी नागपुर को बारी बारी से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए उन्होंने बैंक मैनेजर निखारे को मोटी रकम चुकाई थी। तब जाकर कर्ज मंजूर किया गया। हालांकि पांचों आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
Created On :   10 Nov 2017 8:53 PM IST