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परिजन इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे, नहीं पहुंचे डॉक्टर, किशोरी की मौत
डिजिटल डेस्क, शहडोल। मरीज के परिजन इलाज के लिए सारी रात डॉक्टर को फोन लगाते रहे कि उनकी बेटी पेट दर्द से तड़प रही है, लेकिन नये वर्ष की खुमारी उतार रहे डॉक्टर बच्ची को देखने नहीं पहुंचे। अखिरकार दर्द से तड़प-तड़प कर बच्ची की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना था कि यदि उनकी बेटी को समय पर उपचार मिल जाता, तो उसकी जान बच जाती। वहीं अस्पताल प्रबंधन लापरवाही के आरोप से पल्ला झाड़ रहा है।
कलेक्टर को दी लिखित शिकायत
जिला चिकित्सालय की अव्यवस्था थमने का नाम नहीं ले रही है। उपचार के लिए भर्ती एक किशोरी की मौत के बाद हंगामे की स्थिति बन गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। जानकारी के अनुसार ग्राम हरदी निवासी अशोक जायसवाल की 15 वर्षीय पुत्री दीक्षा को पेट में दर्द होने के कारण मंगलवार की सुबह जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। फीमेल मेडिकल वार्ड के बेड नंबर 31 में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था, लेकिन बुधवार की सुबह उसकी मौत हो गई। कलेक्टर के नाम लिखित शिकायत में आरोपित किया गया है कि इलाज में लापरवाही बरती गई है।
पूरी रात दर्द से तड़पती रही दीक्षा
रात के समय दर्द अधिक होने पर कोई भी चिकित्सक देखने नहीं पहुंचे। बुलाने पर सिविल सर्जन पहुंचे, जिन्होंने सर्जन को तत्काल बुलाने को कहा था। लेकिन रात से लेकर सुबह तक सर्जन डॉक्टर नहीं पहुंचे। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दीक्षा की मौत हो गई। पिता का आरोप है कि लापरवाही के कारण पुत्री की मौत हुई है। जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई हो। जिला चिकित्सालय में एक ही सर्जन हैं। पता चला है कि वे कल किसी शिविर में गए थे।
पहले भी हो चुकी है मौत
बताया जाता है कि पिछले दिनों अनूपपुर जिले से प्रसव के लिए आई महिला की मौत बाथरूम में गिरने की वजह से हो गई थी, जबकि महिला की नार्मल डिलेवरी हुई थी। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि चिकित्सकीय लापरवाही से महिला की मौत हुई है। इसके बाद कमिश्नर के निर्देश पर एडीएम अशोक ओहरी ने मामले की जांच भी की थी और प्रथम दृष्टया चिकित्सकीय लापरवाही सामने आई थी। इसके बाद भी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश तिवारी ने किशोरी की मौत के मामले मेें जिम्मेदार डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग जिला प्रशासन ने की है। उन्होंने कहा कि कॉल के बाद भी सर्जन का न आना गंभीर बात है।
जिम्मेदारों का कहना है
लापरवाही नहीं हुई है। किशोरी को पेट में दर्द था, शायद इंफेक्शन की वजह से था। हमारे पास एक ही सर्जन हैं, कॉल पर क्यों नहीं आए पता लगाया जाएगा।
डॉ. उमेश नामदेव, सिविल सर्जन
Created On :   2 Jan 2019 9:48 PM IST