हाईप्रोफाइल फ्रेंडशिप क्लब का पर्दाफाश, गिरोह के दूसरे राज्यों से जुड़े हैं तार

A high profile online friendship club fraud came in light in City
हाईप्रोफाइल फ्रेंडशिप क्लब का पर्दाफाश, गिरोह के दूसरे राज्यों से जुड़े हैं तार
हाईप्रोफाइल फ्रेंडशिप क्लब का पर्दाफाश, गिरोह के दूसरे राज्यों से जुड़े हैं तार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाईप्रोफइल फ्रेंडशिप क्लब का पर्दाफाश किया गया है। ठगी करने वाले इस गिरोह के दूसरे राज्यों से भी तार जुड़े हैं। ठाणे और राजस्थान से गिरोह में शामिल चार महिलाओं सहित पांच आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर नागपुर लाई है। सोमवार को पुलिस आयुक्तालय में हुई पत्र परिषद में उपायुक्त नीलेश भरने ने बताया कि फ्रेंडशिप क्लब की आड़ में गिरोह के सदस्यों ने मौज-मस्ती का झांसा देकर महाराष्ट्र में कई स्थानों पर लोगों को ठगा है, लेकिन गिरोह के निशाने पर नागपुर और पुणे शहर था। सक्करदरा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। क्लब के बैंक के खाते सीज कर दिए गए हैं। मोबाइल, सिम कार्ड आदि सामग्री जब्त की गई है। 

दी गई ट्रेनिंग
गिरफ्तार आरोपियों में निशा फ्रेंडशिप क्लब का संचालक रितेश उर्फ भैरूलाल भगवानलाल चामार (बैरवा) (34), ठाणे निवासी है तथा उसके गिरोह की सदस्य सुवर्णा मिनेश निकम (33) नवी मुंबई, पल्लवी विनायक पाटील (21) ठाणे, शिल्पा समीर साखरे (52) डोंबिवली, मुंबई और निशा सचिन साठे (24) येरवड़ा, पुणे निवासी हैं। इनमें से कुछ आरोपी राजस्थान के भी हैं, जो वर्तमान में मुंबई में रह रहे हैं। गिरोह की सभी महिला सदस्य 20 प्रतिशत कमीशन पर रितेश के लिए काम करती थीं। हालांकि यह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं। रितेश ने उन्हें ग्राहकों से फोन पर बात करने का प्रशिक्षण दिया था। क्लब की महिलाएं ग्राहकाें से घर पर रहकर ही फोन पर बात करके उन्हें प्रेमजाल में फंसाती थीं।

इस तरह लगाते थे चूना
बातचीत के दौरान आरोपी महिलाएं खुद को डॉक्टर, प्रोफेसर, वकील, विद्यार्थी, गृहिणी आदि बताती थीं। बाद में क्लब के नियमों का हवाला देकर रजिस्ट्रेशन शुल्क से लेकर विविध कारण बताकर ग्राहकों से पैसे की वसूली करती थीं, लेकिन यह वसूली आॅनलाइन होती थी। क्लब की महिला ग्राहक को क्लब का बैंक खाता देती थीं, जिसमें ग्राहक को रुपए जमा करने को कहा जाता था। इस तरह से कई लोगों को लाखों रुपए से चूना लगाने में क्लब की महिलाएं सफल हुईं। लगभग पूरे महाराष्ट्र में क्लब का जाल फैला हुआ था। संचालक रितेश और महिलाएं पहली बार पुलिस के हाथ लगे हैं। हालांकि पुलिस के डर से ही रितेश समय-समय पर लड़कियां बदल देता था, लेकिन इस बार उसे पुलिस ने पकड़ ही लिया। रविवार को उन्हें ठाणे से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया। अदालत में पेश कर 23 अगस्त तक पीसीआर में लिया गया है।  

प्रतिदिन बीस हजार कमाने का झांसा
क्लब के कई अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। सोशल मिडिया पर भी क्लब सक्रिय है। इस बीच अखबार में विज्ञापन देखकर करीब दो महीने पहले सक्करदरा क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने क्लब में फोन किया था। इस दौरान उसे क्लब की महिला ने बताया था कि वह क्लब के जरिए रोजाना करीब बीस हजार रुपए महीना कमा सकता है। इसके लिए उसे कुछ अमीर घर की महिलाओं के साथ मौज मजा और मसाज करना होगा, इसके लिए वह तैयार हो गया। रजिस्ट्रेशन के रूप में उससे शुल्क 1 हजार रुपए खाते में जमा करने को कहा गया था। बाद में मसाज की सामग्री खरीदने का झांसा देकर उससे सवा लाख रुपए वसूल किए गए। इससे उक्त व्यक्ति मासनिक संतुलन खो बैठा, उसकी यह हालत देखकर पत्नी उसे थाने ले गई। प्रकरण दर्ज कराया।

इस बीच बरामद नंबरों से उनका लोकेशन और बैख खातों से उनका पता निकाल कर पुलिस गिरोह तक पहुंची। पूछताछ के दौरान आरोपी रितेश ने बताया है कि पुणे और नागपुर उसके निशाने पर रहा है। यहां के कई लोगों को ठगने में वह सफल हुआ है। कुछ नामी व्यापारी और नौकरी पेशा लोग भी इसमें ठगे गए हैं। पत्रपरिषद में उपायुक्त नीलेश भरने, सहायक उपायुक्त कापगते, निरीक्षक सांदीपान पवार आदि थे। 

बैंकों ने दर्ज कराई आपत्ति
क्लब के लगभग 28 विविध बैकों में खाते हैं। 7 खाते पुलिस ने सील कर दिए हैं। खातों में रोजना बड़ी रकम का लेन-देन होने से संबंधित बैकों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि खाते फर्जी नाम और पहचान पत्र के आधार पर खाेले गए थे। लेकिन उनके लेन-देन का ब्योरा देखकर बैंक ने आय का स्रोत की जानकारी मांगी थी। 
 

Created On :   21 Aug 2018 6:05 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story