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महाराष्ट्र का एक नक्सलग्रस्त गांव, जहां एससी- एसटी विद्यार्थियों को मिल रहा जॉब प्लेसमेंट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेरोजगारी की समस्या विकराल होती जा रही है। इससे लड़ने के लिए हर सरकारी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। खासकर नक्सलग्रस्त इलाकों पर सरकार का विशेष ध्यान है। ऐसा ही एक गांव है, गड़चिरोली जिले का कुरखेड़ा। इस गांव को इग्नू ने "उन्नत भारत" अभियान के तहत एडॉप्ट किया है। यहां के करीब 200 बेराेजगार युवाओं को रोजगार मिला है। इनमें बीपीओ, अकाउंटिंग और ब्यूटी व वेलनैस शामिल हैं। इनका प्लेसमेंट महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में किया गया है। खास बात यह है कि ये सभी विद्यार्थी ट्राइबल्स हैं और पिछड़ी जातियों से ताल्लुक रखते हैं।
दीनदयाल ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत मोहन पाटील गायकवाड़ कॉलेज में गड़चिरोली से आए इन विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जाती है। ये ट्रेनिंग तीन महीने की होती है। ये ब्यूटी व वैलनेस युवतियों के लिए ट्रेनिंग है। वहीं बीपीओ और अकाउटेंट और टेली की ट्रेनिंग भी इन विद्यार्थियों को दी जाती है।
जॉब मुहैया करना वाली एक निजी कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार, यह ट्रेनिंग 10वीं पास के विद्यार्थियों के लिए है। इनकी पहले काउंसिलिंग की जाती है। मोबाइलर्स इन्हें कोर्स के बारे में बताते है और कैरियर के बारे में बताते हैं कि कैरियर में कैसे आगे बढ़ा जा सकता है। इन्हें एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से इस बारे में जानकारी दी जाती है। वहीं ट्रेनिंग देने से पहले इनका एक एप्टीट्यूड टेस्ट होता है, इस आधार पर तय किया जाता है कि इन्हें कौन से कोर्स करवाए जा सकते हैं। इन्हें कैरियर प्लान समझाया जाता है। फिर उसके बाद आईक्यू के आधार पर इन्हें कोर्स की ट्रेनिंग दी जाती है।
इग्नू रीजनल डायरेक्टर डॉ. पी.शिवस्वरूप के मुताबिक विद्यार्थियों के लिए कोर्स फ्री हैं। उन्होंने कहा हम दूरदराज खासकर गड़चिरोली के युवाओं को राेजगारपरक कोर्स करवाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।
Created On :   18 Nov 2018 1:16 PM GMT